मोहिनी अप्सरा साधना :
मोहिनी अप्सरा साधना :
July 2, 2022
कामेच्छी अप्सरा साधना :
कामेच्छी अप्सरा साधना :
July 2, 2022
कामिनी अप्सरा साधना :

कामिनी अप्सरा साधना :

परिचय – अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है। इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं। इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं। नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं। तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं।

महत्व : इन अप्सराओं की समृद्धि समर्थ समझकर अनेकों ऋषियों और राजाओं ने इनकी साधनाएं की अथबा ब्राह्मणों से कराई। जिसके कारण इनमें कई अप्सराएं धरा पर इन साधकों के पास अतुल बैभब के साथ दीर्घकाल तक रहीं। इनमें राजा पुरूरूबा और बिश्वामित्र के अपाख्यान लोक प्रसिद्ध हैं।

बिशेष : इन १६,१०८ अप्सराओं में से कुछ ही ऐसी हैं जो सहजता से सिद्ध हो जाती हैं और साधक के साथ यथेष्टरूप में निबास करती हुई समृद्धि प्रदान करती हैं। यहाँ केबल कामिनी अप्सरा की साधना का बर्णन किया जा रहा है। यह कला क्षेत्र में बिशेष प्रगति के लिए अत्यन्त लाभकारी साधनाएं होती हैं।

मंत्र : ॐ काम कामिन्यै स्वाहा ।।
अनुष्ठान : एकान्त कक्ष में कमल धारिणी का चित्र भोजपत्र पर बनाकर असकी पूजा करे फिर अमाबस्या से पूर्णिमा तक ५००० नित्य जप करे । तो देबी की कृपा स्वयं पता चलती है। धैर्य रखने पर ही अनुष्ठान पुर्ण होता है।

प्रभाब : यह देबी सांसारिक कामनाए देने के मामले में प्रबीण मानी गई है। जो लाभ कोई युद्ध करके न पा सका हो, उसे ये हाँसकर दे देती है।

नोट : यदि आप की कोई समस्या है,आप समाधान चाहते हैं तो आप आचार्य प्रदीप कुमार से शीघ्र ही फोन नं : 9438741641{Call / Whatsapp} पर सम्पर्क करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *