सट्टा मटका :
जिसने भी खेला सट्टा, भागने को न मिला रास्ता।
जिसने भी किया सट्टे के अंकों का चयन, बह हो गया सदा इसी में मगन।
अंकों के कागज सदा रहे आबाद, बिचारा खेलने बाला हुआ बर्बाद।
अंकों के पीछे बहुत खरी खोटी सुननी पडी है, सामने देख पूरी जिंदगी पडी है।
सट्टे में लगाई जिसने नोटों की गड्डी, ज्यादा खेलने पर फट गई उसकी चड्डी।
सट्टा खेलने बाला जिस हाथ से रूपया देता है, बक्त आने पर उसी हाथ से रूपया लेता है।
जो गिरा सट्टे के गड्डे में, बो पहुंचा भिखारी के अड्डे पे।
जिसने भी किया इस गेम में ट्राय, लक्ष्मी ने उसे किया बाय-बाय ;साथ ही दुनिया ने कहा हाय-हाय।
सट्टे में जिसने देखे ख्वाब, दुनिया कहे उसे बाप रे बाप।
हमने खेला था एक बार सट्टा, हो गया हमारा जीबन खट्टा।
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