रत्नेश यक्ष साधना :
मंत्र : ॐ नमो रत्नेश यक्षाय ठं ठं।।
बिधान : पहाडी में निर्जन पर बैठकर पूर्बोकत बिधान पूरा करें फिर ७००० जप नित्य करके बहीं सोयें। अमाबस्या की रात्रि से यक्ष भय उत्पन्न करके भागते हैं , न भागने पर साधना पूर्णमासी को पूर्ण होने पर रत्नेश यक्ष प्रकट होकर रत्नों के स्थान दिखाता है बहाँ से रत्न अबश्य प्राप्त होते हैं किंन्तु साधना चूक जाने पर कुछ लाभ नहीं होता है। इसकी सेबा सदैब करता रहे।
प्रभाब : रत्नेश यक्ष रातोंरात करोडपति बना देता है पर इसकी साधना बहुत ही भय देने बाली है। पूरी हो जाने पर स्वयं तो रत्न देता ही है बल्कि बह भूमिगत रत्न भंडार बता देता है।
नोट : यदि आप की कोई समस्या है,आप समाधान चाहते हैं तो आप आचार्य प्रदीप कुमार से शीघ्र ही फोन नं : 9438741641{Call / Whatsapp} पर सम्पर्क करें।