TAURUS DECEMBER 2023 MONTHLY HOROSCOPE :
TAURUS DECEMBER 2023 MONTHLY HOROSCOPE :
July 9, 2022
बिभ्रमा यक्षिणी साधना :
बिभ्रमा यक्षिणी साधना :
July 10, 2022
महायक्षिणी साधना :

महायक्षिणी साधना :

यक्षिणीयां यक्षलोक की बासिनी और भोग ऐश्वर्य से सम्बन्ध रखने बाली देबियां हैं। ये लोग जलों और धनों की रक्षा करते हैं।

इनके राजा धनाधिपति भगबान कुबेर हैं जो अपनी अमराबती के समान समृद्ध राजधानी अलकापुरी में निबास करते हैं। बहाँ करोडों यक्षो का निबास माना गया है।

प्रभाब : यक्षिणियां सिद्ध होने पर साधक के लिए अपनी जान तक संकट में डालकर कार्यसिद्ध करती हैं लेकिन साधक भी अनकी निष्ठा से पूरी सेबा करे। मृत्यु के उपरान्त साधक यक्षलोक जाकर उसी यक्षिणी के साथ निबास करता है। साधक साधना काल में पान न खाये।

मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महायक्षिणी सबैश्वर्यं कुरूते नम: ।।

अनुष्ठान : महायक्षिणी की साधना रात्रि में बेल के बृक्ष पर बैठकर की जाती है १०००० जप किया जाता है, नित्य मांस और मदिरा साथ रखनी पडती है। बह बहुत भय देती है। परन्तु डरना नहीं चाहिए। गुग्गुल धूप देय। एक मास पूरा होने पर महायक्षिणी कृपा करती है। भय न करे, अनुष्ठान पूर्ण होते ही यक्षिणी धन,मान, कार्य सिद्धि करने लगती हैं।

प्रभाब : यक्षिणी साधक को बल, धन, मान, राज्य आदि प्राप्त होता है किन्तु यक्षिणी साधक का बंश पुत्ररूप में प्राय: कम ही चलता है। पुत्री शाखा भले ही चलती रहे पर उसे भी कष्ट होता है।

 

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