अक्षय तृतीया 2025 पर आपका हर समस्या होगी दूर

Akshaya Tritiiya 2025 Par Aapka Har Samasya Hogi Door :

मनुष्य जीवन में हर क्षण कोई न कोई समस्या उत्पन्न होती है तथा जिसका निदान भौतिक रूप से मिलता नहीं । इसी कारण परालौकिक शक्तियों की सहायता से जिन्हें हम भगवान, देवता इत्यादि के नाम से जानते हैं, के मंत्र, जप, पूजा-पाठ, दान-धर्म इत्यादि से करते हैं । श्रद्धा तथा विश्वास से करें तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है ।
 
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiiya) 30 अप्रैल 2025 (बुधबार) को मनाई जाएगी । यह भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है । इसके साथ ही तंत्र-मंत्र, सिद्धि, दान-पूजा इत्यादि का अक्षय लाभ इस दिन करने पर प्राप्त होता है, ऐसी शास्त्रीय मान्यता है ।
 
1. जिन व्यक्तियों के घर में बरकत न हो या रोजगार की व्यवस्था न हो पा रही हो वे अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiiya) 2025 को निम्नलिखित मंत्र की 51 माला जपें तथा बाद में भी 1 माला जब तक कार्य न हो, तब तक करें । यह जादुई प्रयोग है ।
 
मंत्र : – ‘ॐ नमो भाग्य लक्ष्म्यै च विद्महे अष्ट लक्ष्म्यैल च धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात् ।।’ यदि सवा लाख जप कर दशांश हवन, तर्पण, मार्जन, कन्या-ब्राह्मण भोजन करवाया जाए तो सभी ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं ।
 
2. जिन व्यक्तियों को बड़े या कठिन मंत्र पढ़ने में कठिनाई लगे, वे लक्ष्मी एकाक्षरी मंत्र ‘श्रीं’ का जप करें । इसका उच्चारण इस प्रकार होगा- श्रीम् । कहा जाता है इसका 12 लाख जाप करने पर लक्ष्मीजी प्रत्यक्ष हो जाती हैं ।
 
3. दुकान या फैक्टरी न चल रही हो या घर पर कलह हो चांदी की डिब्बी में शुद्ध सिन्दूर रखकर तथा 11 गोमती चक्र रखकर उपरोक्त मंत्र कोई सा भी प्रयोग कर वह डिब्बी गल्ले-तिजोरी या पूजा के स्थान पर रखें, निश्चित लाभ होगा ।
 
4. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiiya) 2025 को लक्ष्मी प्राप्ति प्रयोग- पीत वस्त्रासन, पंचमुखी घृत का दीपक, स्फटिक की माला से उत्तराभिमुख हो रात्रि के समय ‘ॐ कमलवासिन्यै श्री श्रियै ह्रीं नम:’ की 108 माला जपें । सामने प्रति‍ष्ठित श्री यंत्र या महालक्ष्मी यंत्र रखें । रक्तपुष्प, कमल गट्टा आदि दूध से बने पदार्थ का नैवेद्य लगाकर तथा संभव हो तो 1 माला अंत में हवन करे । पश्चात यंत्र को उठाकर गल्ले या तिजोरी में रख दें ।
 
5. एकाक्षी नारियल व दक्षिणावर्ती शंख भी इसी प्रकार सिद्ध कर रखे जा सकते हैं ।
 
6. रजत या ताम्र पात्र में कमल गट्टे भरकर तथा उस पर महालक्ष्मी यंत्र स्थापित कर केशर से चावल रंगकर प्रति यंत्र 1-2 दाने चढ़ाते जाएं तथा वे सभी चावल इकट्ठे कर बाद में कन्याओं को खीर बनाकर खिलाएं ।
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