इत्र बशीकरण भैरब मंत्र :
ॐ काला भैरू , बाबन बीर , पर त्रिया को करदे सीर ।
पर त्रिया छ: अगन कंबारी , पर जोबन में लागे प्यारी ।
चम्पा के फूल जू आबे बास, घर का धनी की छोड़ दे आस ।
कपड़ा से बाद भराबे, अगं से अंग मिलाबे ।
तीजी घडी तीजी शाद ,अंग से अंग न मिलाबे , तो माता
कंपाली की सेज पर काला भैरू पग धरे ।
शव्द साँचा पिण्ड काँचा । फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा ।।
बिधि : इस मंत्र की सिद्धि हेतु साधक श्री भैरब बिषयक सभी नियमों का पालन करते हुए शमशान में स्थित भैरब में या शमशान में चिता के पास बैठकर ,अपनी सुरक्षा करके चमेली की माला ,पंचमेबा, बाती, सात लौंग, जोड़ा, पताशे, शराब,धूप, बकरे की कलेजी, नित्य भैरब की भेट रखकर उक्त मंत्र की एक माला जप करें ।यह क्रिया ग्यारह दिन करना है । ग्यारहबें दिन हबन करें तो मंत्र सिद्ध होगा । जप के समय एक शीशी इत्र की रखें, इस इत्र को शक्तिकृत करते रहें। यही शक्तिकृत इत्र जब किसी को बश में करना हो तो थोडा सा रुई के फाये में लेकर (साध्य) स्त्री को साबधानी से लगा दें ।तो बह बस में हो जाएगी ।
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