“राज” बशीकरण बिशिष्ट मंत्र :
क्लीं ऐं सौं ह्रीं श्रीं ग्लौं हम्,
सकल जगन्मोहिनी मदनोत्मादिनी,
क्लीं एहिं एहिं क्लीं क्लीं सम्मोहय,
बुद्धि नाशय नाशय नाशय जीब मोहिनी,
लागो मोह जिनु जिनु जाबे मुकरे,
तो मोह आदि शक्ति को आस राज,
मंत्रथ की आन फुरो आगम मल्यो,
मेरी भक्ति गुरू की शक्ति ईश्वर तेरी बाचा।।
बिधि : इस मंत्र अर्बाचीन है और आदिनाथ द्वारा निर्दिष्ट है। इस मंत्र को बिधि पूर्बक सिद्ध करने के बाद कम से कम २१ बार किसी भी खाने पीने की बस्तु पर अभिमंत्रित करके खिला देने से बशीकरण हो जाता है।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या
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