दुर्भाग्य नाशक लक्ष्मी शाबर मन्त्र :
(A) .“ॐ विष्णु-प्रिया लक्ष्मी, शिव-प्रिया सती से प्रकट हुई। कामाक्षा भगवती आदि-शक्ति, युगल मूर्ति अपार, दोनों की प्रीति अमर, जाने संसार। दुहाई कामाक्षा की। आय बढ़ा व्यय घटा। दया कर माई। ॐ नमः विष्णु-प्रियाय। ॐ नमः शिव-प्रियाय। ॐ नमः कामाक्षाय। ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”
विधिः- धूप-दीप-नैवेद्य से पूजा कर सवा लक्ष जप करें। लक्ष्मी आगमन एवं चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। रुके कार्य होंगे। लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
(B) .“ॐ त्रैलोक्य पूजिते देवी कमले विष्णुवल्लभे
यथा त्वमचलाकृष्णे तथा भव मयि स्थिरा
इश्वरी कमला लक्ष्मिश्चला भर्तुहरिप्रिया
पद्मा पद्मालय संपदुचै श्री पद्मधारिणी
द्वादशैतानी नामानी लक्ष्मीं सपुज्य य: पठेत
स्थिरा लक्ष्मी :भवेतस्व पुत्र दरादिभि : सह।”
(C) “ॐ र्र्हीं दूँ दुर्गे स्मृता हरसी
भितिमशेष जन्तो :स्वस्थै स्मृता
यदंती यच्च दूरके भयं विदन्ति
विधि- क़र्ज़ मुक्ति आर्थिक स्थिति सुधरने के लिए चंचल लक्ष्मी स्थिर करने के लिए इस पाठ को नित्य कीजिये सुबह शाम कीजिये घी का निरंजन जलाके देवी का पाठ करे ।
“ॐ ऐं लक्ष्मीं श्रीं कमलधारिणी कलहंसी स्वाहा ।”
मनो मन की इच्छा धर के छःमॉस तक जाप करते रहे ,अप्रतिम परिवर्तन नज़र आयेगा पैसे की बरसात होने के योग बनेंगे ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या