Parivaar Naash Suchak Apshakun

Parivaar Naash Suchak Apshakun :

यदि किसी मकान की छत पर सुबह के समय बहुत से कौबे इकट्ठे होकर कांब – कांब करते हुए परस्पर लडे – झगड़े तो उसे अत्यंत अपशकुन मानकर यह समझ लेना चाहिए कि यह उस परिबार नाश (parivaar naash) की बर्बादी का चिन्ह है तथा उस मकान में रहने बालों को धन की हानि का सामना करना पड़ेगा । ऐसी (Parivaar Naash) स्थिति में उचित है कि छत पर जाकर कौबे को तुरंत उड़ा दें तथा बहाँ परस्पर शरीर की रगड़ होने के कारण कौबें के जितने भी पंख पड़े हुए मिलें उन सबको झाड़ू से किसी स्थान पर एकत्र कर किसी अन्य आदमी से उठाबकर बस्ती से कहीं बाहर दूर ले जाकर , एक गहरा गडढा खुद्बाकर, उसमें पंखों को दब्बा दें, पंखों को झाड़ने, उठाने, ले जाने, गडढा खोदने अथबा गाढ़ने किसी भी कार्य में अपना हाथ नही लगाना चाहिए । घर के बाहर के किसी आदमी से ही ये काम करानें चाहिए ।

पंखों को दबबा देने के उपरान्त घर की छत के ऊपर लोबान, कपूर , चन्दन का चुरा तथा धूप को जलाना चाहिए तथा अपने घर में तीन दिन तक कथा कीर्तन आदि मांगलिक कार्य करबाने चाहिए । तत्पशचात निर्धन , भिखारियों तथा बच्चो को भोजन, मिठाई , धन आदि देकर प्रसन्न करना चाहिए । इससे अपशकुन का प्रभाब नष्ट हो जाता है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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