हर समस्या का समाधान : 9 ग्रहों के 9 बीज मंत्र
नौ ग्रह हमारी जिंदगी को प्रभावित करते हैं। जन्म कुंडली में ग्रह शुभ भी होते हैं और अशुभ भी। अगर कुंडली में ग्रह दोष है तो जानकार हमें ग्रहों से संबंधित दान और मंत्र जप का बोलते हैं। यहां प्रस्तुत है नवग्रहों के बीज मंत्र, तांत्रिक मंत्र, जप संख्या और दान संबंधित प्रमुख जानकारी….
सूर्य तांत्रिक मंत्र- ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:।
सूर्य एकाक्षरी बीज मंत्र- ॐ घृणि: सूर्याय नम:
दान- माणिक्य, गेहूं, धेनु, कमल, गुड़, ताम्र, लाल कपड़े, लाल पुष्प, सुवर्ण।
चंद्र एकाक्षरी मंत्र- ॐ सों सोमाय नम:।
दान- वंशपात्र, तंदुल, कपूर, घी, शंख।
भौम एकाक्षरी मंत्र- ॐ ॐ अंगारकाय नम:।
दान- प्रवाह, गेहूं, मसूर, लाल वस्त्र, गुड़, सुवर्ण ताम्र।
बुध के तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’।
बुध का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ बुं बुधाय नम:’।
दान- मूंग, हरा वस्त्र, सुवर्ण, कांस्य।
गुरु के तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’।
गुरु का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ ब्रं बृहस्पतये नम:’।
दान- अश्व, शर्करा, हल्दी, पीला वस्त्र, पीतधान्य, पुष्पराग, लवण।
शुक्र का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ शुं शुक्राय नम:’।
दान- धेनु, हीरा, रौप्य, सुवर्ण, सुगंध, घी।
शनि के तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:’।
शनि का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ शं शनैश्चराय नम:’
दान- तिल, तेल, कुलित्थ, महिषी, श्याम वस्त्र।
राहु का एकाक्षरी मंत्र- ‘ॐ रां राहुवे नम:’।
दान- गोमेद, अश्व, कृष्णवस्त्र, कम्बल, तिल, तेल, लोहा, अभ्रक।
केतु का तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ स्रां स्रीं स्रों स: केतवे नम:’।
दान- तिल, कंबल, कस्तूरी, शस्त्र, नीम वस्त्र, तेल, कृष्णपुष्प, छाग, लौहपात्र।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार – 9438741641 (call/ whatsapp)