दुर्गा सप्तशती द्वारा बशीकरण :
शुभ दिन या नबरात्रों में दुर्गा सप्तशती का पाठ धूप दीप देकर बिधिबत करें। प्रत्येक श्लोक का श्रद्धा पूर्बक नौ दिन तक पाठ पूर्ण करें। पूजन करके कुमारियो को भोजन कराबें तथा लाल बस्त्र दान दे। नब दिन पूर्ण ब्रह्म्चर्य का पालन करें। जमीन पर शयन करना चाहिए। इस मंत्र से १०८ आहुति देकर हबन करें। हबन में अष्ट गन्ध की सामग्री प्रयोग में लाबें।
“ज्ञानिनामपि चेतांसि देबी भगबती हि सा।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति।।
बिधि : इन सारी चीजों को एकत्र करके कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात ग्बार पाठे के रस में पीसकर तिलक करें, तिलक करने से पहले बशीकरण के लिए ध्यान कर लेना चाहिए। तिलक करते समय (घिसते समय) कोई बशीकरण का मंत्र अथबा क्लीं काम बीज मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या
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