अघोरी कीलन मंत्र :
अघोरी कीलन मंत्र : “ओम नमो आदेश गुरु को डाकनी बांन्धु शाकिणी बांधू-भुत बांधू पलीत बांधू, जीबती बांन्धू, जांग्ली बान्धू , मूठ बान्धू, सूठ बान्धू, अला बान्धू – बला बान्धू, किया बान्धू, करबाया बान्धू, हाड-बाड को बान्धू , बाद-घाट को बान्धू , झाडू मंत्र को बान्धू , टोना और टोटका को बान्धू बैरी दुष्मन को बान्धू, पांच कोस उतर को बान्धू , पाच कोस दखिण को बान्धू, पांच कोस पूर्ब को बान्धू, पांच कोस पशिचम को बान्धू, पांच कोस आकाश को बान्धू, पांच कोस पाताल को बान्धू, पांच-पांच कोस चारों दिशा आठों कोण को बान्धू , मेरा बांन्धिया नहीं बन्धे तो महाबीर हनुमान की दुहाई काशी कोतबाल भैरब की दुहाई, रगतिया भैरु की दुहाई, गांग्ली घोरा की दुहाई । कामरू देश की माता (माई) कामाख्या की दुहाई काली कंकाली माई की दुहाई गुरु गोरखनाथ मछंन्दर की दुहाई शव्द सांचा पिण्ड काचा चलो मंत्र ईश्वरोबाचा मेरे गुरुजी का बचन जुग-जुग सांचा ।”
नोट : साधकों इस अघोरी कीलन मंत्र की साधना बिधि में आगे बता दिया जायेगा । इस मंत्र का साधना बिधि कुछ अलग है , जो साधना कि समय आपके पास गुरु रहकर आपको मार्ग दर्शन करना बहत जरुरी है । इसलिये कोई भी साधना बिना गुरु कि निर्देश मे ना करो ।
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जय माँ कामाख्या