शत्रु बिनाशक मंत्र

शत्रु बिनाशक मंत्र

शत्रु बिनाशक मंत्र : मंत्र : “मन मना गुरु रतना, छ्पक देब हरताल, जगर-बगर तेंदुआ होय, बिजली चमके कोई घरी, कोई समय के बेर में । कोई हंसा ला हर बन्दन दे । जय चण्डी माता ।।” बिधि : साधना एक दिन की है । साधना अमाबास्या की रात 11 बजे से लेकर 3 बजे … Read more

शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र

शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र

शत्रु नाश हेतु शाबर मंत्र : मंत्र : “ॐ नमो कलुबा । जबरदस्त हनुमत बीर ! धर-धराय, कर-कराय, परपराय, शत्रु को तडतडाय । मूठ मारि दे पछारि । नाडि तोडि, रक्त सोखि, कलेजा चाबि, शत्रु सन्मुख हाँक मारो । टांग पकरि, ले उठाय । फिर बायु मे घुमाए, प्रुथिवी पर दे पछाडि । न पछाडे, … Read more

शत्रु नाश के लिए भैरव प्रयोग

शत्रु नाश के लिए भैरव प्रयोग

शत्रु नाश के लिए भैरव प्रयोग : मंत्र : “ओम लाल भैरव लाली लसै, कलुबा भैरब दे दुहाई । बैरी ईश्वर महादेव का, अमुक पुत्र न रहे ।” बिधान : सर्बप्रथम किसी शुभ पर्ब मे उक्त मंत्र को ग्यारह हजार बार जप करके सिद्ध कर लें । फिर प्रयोग के समय रात्रि में श्मशान में … Read more

शत्रु को दण्ड देना प्रयोग

शत्रु को दण्ड देना प्रयोग

शत्रु को दण्ड देना प्रयोग : मंत्र : काला भैरव किल-किल करे, गौरा भैरव हंसै । दोहाई मोह्म्म्दा पीर की । मेरा बैरी (अमुक) नसै ।। शत्रु को दण्ड देना बिधान : उक्त मंत्र का प्रयोग शत्रु को दण्डित करने के लिये किया जाता है । मंत्र को सिद्ध करने के लिये साधक को सर्बप्रथम … Read more

सत्रु विनासक धूमावती प्रयोग

सत्रु विनासक धूमावती प्रयोग

सत्रु विनासक धूमावती प्रयोग : यह प्रयोग अत्यंत भय कारक है । विचार पूर्वक इस मंत्र का जप करना चाईए । बिना गुरु के इस प्रयोग को करना अत्यंत नुकसान पहुचा सकता है । धूमावती प्रयोग मंत्र : “धूम धूम धूमावती। मसान में रहती मरघट जगाती। सूप छानती जोगनियो के संग नाचती। डाकनियो के संग … Read more

शत्रु स्तम्भन प्रयोग क्या है?

शत्रु स्तम्भन प्रयोग

शत्रु स्तम्भन प्रयोग क्या है ? साधक को कौए का एक पंख प्राप्त करना चाहिए । फिर साधक शनिवार की रात्री में उस पंख पर सिन्दूर से शत्रु का नाम लिखे तथा निम्न मन्त्र का १०८ बार पाठ करे । इसके लिए कोई भी माला की ज़रूरत नहीं है । साधक का मुख दक्षिण दिशा … Read more

पुलिस कोर्ट जेल से कैसे बचें ?

पुलिस कोर्ट जेल से कैसे बचें ?

पुलिस कोर्ट जेल से कैसे बचें ? पुलिस : कहते हैं मानव और पशु में अंतर सिर्फ इतना है की मानव समाज में सभ्य तरीके से रहता है । जबकि पशु न तो सामाजिक प्राणी है और न ही उससे सभ्यता की उम्मीद की जाती है । कभी-कभी इसका उल्टा भी देखने को मिलता है … Read more

प्रत्यंगिरा मकान कीलन प्रयोग

प्रत्यंगिरा मकान कीलन प्रयोग:

प्रत्यंगिरा मकान कीलन प्रयोग: प्रत्यंगिरा कीलन मंत्र : “ ऊं हूँ स्फारय स्फारय मारय मारय शत्रुवर्गान नाशय नाशय स्वाहा ।” विधि : उपरोक्त प्रत्यंगिरा मंत्र को दस हजार जप करके घर के अंदर के चारों कोने की मिट्टी अपने अभिभावक के एक बलिस्त नीचे की मिट्टी की वेदी बना कर उस पर बैर की लकडी … Read more

देवी कृत्या सिद्धि साधना :

देवी कृत्या सिद्धि साधना :

देवी कृत्या सिद्धि साधना : देवी कृत्या साधना एक उच्चकोटि का साधना है । शत्रु नाशक, हर आपद नाशक और जो भी आपद बिपद सब का नाश होता है । कारोबार और किसी भी चिज पर वाधा आ रही हो तो कृत्या का उपासना से हर वाधा दुर होता है । कृत्या सिद्धि होने पर … Read more