ज्योतिष में ऊपरी बाधा योग और उपाय

ज्योतिष में ऊपरी बाधा योग और उपाय :

ज्योतिष में ऊपरी बाधा योग और उपाय : ऊपरी बाधा योग : हम जहां रहते हैं वहां कई ऐसी शक्तियां होती हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं किंतु बहुधा हम पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं जिससे हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो उठता है और हम दिशाहीन हो जाते हैं । इन अदृश्य शक्तियों को ही आम … Read more

पिशाच योग क्या है ?

पिशाच योग

पिशाच योग क्या है ? पिशाच योग : जन्मकुंडली में सैकड़ों तरह के योग होते हैं उनमें से एक योग पिशाच योग कहलाता है जो कि राहु के कारण उत्पन्न होता है । पिशाच योग राहु द्वारा निर्मित योगों में यह नीच योग है ।पिशाच योग जिस व्यक्ति की जन्मपत्री में होता है वह प्रेत … Read more

जातक का भविष्य और गण्ड मूल योग

गण्ड मूल योग में जन्मे जातक का भविष्य और उपाय :

जातक का भविष्य और गण्ड मूल योग : गण्ड मूल योग को शास्त्रों में गण्डान्त की संज्ञा प्रदान की गई है । यह एक संस्कृत भाषा का शब्द है गण्ड का अर्थ निकृष्ट से है एवं तिथि लग्न व नक्षत्र का कुछ भाग गण्डान्त कहलाता है । मूलत: अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल व रेबती … Read more

कुण्डली के अशुभ योगों की शांति कैसे करें ?

कुण्डली के अशुभ योगों की शांति कैसे करें ?

कुण्डली के अशुभ योगों की शांति कैसे करें ? 1) कुण्डली में चांडाल योग : गुरु के साथ राहु या केतु हो तो जातक बुजुर्गों का एवम् गुरुजनों का निरादर करता है ,मोफट होता है, तथा अभद्र भाषाका प्रयोग करता है । यह जातक पेट और श्वास के रोगों सेपीड़ित हो सकता है । 2) … Read more

जन्म कुण्डली में स्थित शत्रु एवं रोग योग की विवेचन एवं फलादेश

जन्म कुण्डली में स्थित शत्रु एवं रोग योग की विवेचन एवं फलादेश :

जन्म कुण्डली में स्थित शत्रु एवं रोग योग की विवेचन एवं फलादेश : जन्म कुण्डली में स्थित छठे भाव से किसी जातक के शत्रु एवं रोग का विवेचन ज्योतिषाचार्यों द्वारा किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जन्म कुण्डली के छठे भाव का फलादेश निम्न प्रकार से है – ♦ यदि किसी जातक की जन्म कुण्डली … Read more

अवैध सम्बन्ध और ज्योतिष

अवैध सम्बन्ध और ज्योतिष :

अवैध सम्बन्ध और ज्योतिष : अवैध सम्बन्ध थोड़े समय के लिए ही बनते है, परन्तु ये पति पत्नी का पूरा जीवन को बर्बाद कर देते है । व्यक्ति ग्रहो का गुलाम है और व जीवन मे अपने जीवन साथी को चाहते हुए भी किसी अन्य से कुछ समय का लिए सम्बन्ध बना लेता है । … Read more

ग्रह और अकस्मात मृत्यु योग

अकस्मात मृत्यु योग

ग्रह और अकस्मात मृत्यु योग: चन्द्र के क्षीण होने से मनुष्य का मनोबल कमजोर हो जाता है, विवेक काम नहीं करता और अनुचित अपघात पाप कर्म कर बैठता है । अमावस्या व एकादशी के बीच तथा पूर्णिमा के आस-पास चन्द्र कलायें क्षीण व बढ़ती हैं इसलिये ये घटनायें इस समय में होती हैं । तमोगुणी … Read more

जन्म कुंडली में दुर्घटना योग

जन्म कुंडली में दुर्घटना योग

जन्म कुंडली में दुर्घटना योग: युवावस्था यानी जोश-खरोश, एडवेंचर और ढेर-सी रिस्क लेना- नया पहनने-ओढ़ने के साथ तेज रफ्तार से वाहन चलाना यह सभी प्रमुख शौक होते हैं । नए से नया वाहन लेना यह हरेक का सपना होता है मगर क्या चाहने भर से या केवल सपना देखने से वाहन सुख मिलता है । … Read more

सर्वनाशक ज्वालामुखी योग क्या है ?

सर्वनाशक ज्वालामुखी योग :

सर्वनाशक ज्वालामुखी योग क्या है ? किसी जातक की जन्म कुण्डली विवेचन में उस कुण्डली में स्थित योग अपना अलग ही महत्व रखते है । योग से तात्पर्य ग्रहों के कुछ विशेष जोड़ है अर्थात् ग्रह जब विशेष परिस्थिति में कुछ खास योग बनाते हैं तो ऐसी स्थिति में शुभ अथवा अशुभ फल प्रदान करते … Read more