प्राचीन दुर्लभ परम गोपनीय अघोर तंत्र का प्रयोग :
भरणी नक्षत्र की रात्रि में कोआ की हड्डी लेकर उससे श्मशान के बस्त्र पर पापी ब्यक्ति का नाम लिखें फिर साधक निर्बस्त्र होकर अघोर की पूजा करें। पूजा में मांस, मदिरा ,निम्बू, लाल पुष्प, सिन्दूर आदि अर्पण करें।
इसके पश्चात सरसों तेल का दीपक जलाबें फिर अघोर मंत्र का जाप करें। जप के समय अपने माथे पर एबं शरीर पर श्मशान की भस्म का लेप कर लें फिर घुटनों के बल बैठ कर मंत्र जपें। ऐसा सात दिन रात्रि के समय करके फिर नाम बाले बस्त्र को चिता में जला दें। मंत्र और बाकी बिधि किसी सिद्ध गुरु से प्राप्त करें। यह उग्र प्रयोग है केबल जानकारी हेतु दिया है इसको करें नहीं। यह अघोर क्रिया है।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या
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