।। सिद्ध प्राचीन अघोर तंत्र सिद्धि ।।
ॐ नमो भगबत्यै श्मशान बासिन्यै। भूतनाथाय
रुद्ररुपाय बीर बाबन अधिपते। जोगी जति ध्याबे।
महा घोर रुद्रो अघोरा मम साधय साधय हूँ फट्।
यह साधना को गंगा किनारे स्थित श्मशान घाट पर की जाती है। यह उच कोटि के सिद्धि है। यह ओघड एबं शब साधना की दीख्या लेने के बाद करनी चाहिये।यह प्राचीन प्रयोग है। कैलाश मानसरोबर के आस पास इस प्रयोग को किया जाता है। कपाली और अघोर तंत्र के सिद्ध महात्मा साधक इस सिद्धि को करते हैं। यह भगबान शिब के अंश से उत्पन्न शक्ति का नाम अघोरा आया है। इसको करने से पहले सौ बार सोच लें। अघोर तंत्र में सबसे उग्र रुपों में अघोरा नाम आता है। समस्त तंत्र मंत्र इस अघोरा के आगे निष्फ्ल माने जाते हैं।
ये नागा साधुओं की सिद्धि है। जो सांसारिक ब्यक्तियों के लिये मौत की घण्टी माना जाता है अर्थात् हमारे लिये इसके बारे में सोचना भी शुभ नहीं है। यह अघोरा एक प्रचण्ड भयानक उग्र महाशक्ति है। जिसका सामना कोई भी देबी देबता नहीं कर पाते। समस्त आसुरी शक्तियों का काट इस अघोरा की दृष्टि मंत्र से हो जाता है। यह ब्रह्मा अस्त्र से भी ऊपर की शक्ति कही जाती है। अघोरा स्वयं भगबान शिब का रुद्र माना गया है। ये अघोरियों एबं शैब शक्ति, नाथ भक्तों आदि के आराध्य भी है। जोगी योगी भी इनका ध्यान लगाया करते है, ये अघोरा श्मशान के अधिपति माने गये हैं। बाबन बीरों एबं भूत प्रेत गणों आदि के श्वामी हैं। इन्होने शरीर पर भस्म तथा मुण्डों की माला धारण कर रखी है। इनका स्वरुप श्याम है। नेत्र से आग निकलती है अर्थात् इनके अति उग्र होने के कारण क्रोध से आखों से अग्नि प्रज्वलित होती है। इनके पांब में कडा धारण किया हुआ है। ये खप्प्ड में ही भोजन करते हैं। इनके हाथ में शिबजी और काल भैरब के जैसे ही त्रिशूल, खडग आदि आयुध है। श्मशान ही इनका मुख्य निबास है। ये अघोरा/ अघोरियों के नागा साधुओं के ओघड पंथ के भक्तों के एबं नाथ भक्तों के आरध्य ब इष्ट भी माने जाते हैं।
नोट : इस साधना को योग मार्ग से और श्मशान की अघोर क्रिया बिधि बिधान से सिद्ध किया जाता है। जिसमें गुरु ज्ञान ब सानिध्य दोनों ही अति आबश्यक है। यह अंतिम साधना कहीं जाती है अर्थात् कई छोटी बडी सिद्धियों को करने के उपरान्त यह साधना अन्त मे की जाती है। बाकी बिधि ब जानकारी गुरु से दिख्या प्राप्त करके हासिल करें। पूरी बिधि प्राप्त करना अनिबार्य है, यहाँ केबल जानकारी हेतु दिया है, जो परम गोपनीय था।
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