मंत्र : “ उगत तारे भय भुन्सारे ! जहा अघोरी आन विराजे ! लकड़ी जले मुर्दा चिल्लाय ! तह अघोरी वीर किरकिराय मेरी भक्ति गुरु कि शक्ति देख देख रे अघोरी तेरे मंत्र कि दुहाई ! ”
विधि : शमशान में जलते मुर्दे के पास बैठकर नित्य १ माला २१ दिनों तक जाप करे , मध् मॉस मदिरा भोग में साथ में रखे जाप के बाद जलते मुर्दे को अर्पण करे ! मंत्र पूर्ण शक्ति प्राप्त कर ले तब प्रयोग करे ! अभिचार भूत प्रेत रोग डाकिनी शाकिनी का नाश होता है ! भैरव कवच से सुरक्षा कीच कर जाप करे !
माला : चन्दन या रुद्राक्ष
दिशा : मुर्दे के पाँव कि तरफ बैठे
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार
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जय माँ कामाख्या
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