कोकील बीर मंत्र साधना बिधि क्या है?

Kokil Beer Mantra Sadhana Vidhi Kya Hai ?

।। Kokil Beer Mantra ।।
ओम नमो गुरुजी काम रुपी बिपई सताडाबई।
परबई अछई कोलि लऊ भईखु आजिऊ।
सुकोकि लंऊ भईखु पहिरई पाऊचडई।
चडई कहाँ जाई श्री उजेणी नगरी जाई।
औजेणी नगरी छई। गंध बाम सणुता हंछई।
सिद्धबटू सिद्ध बटू हे दिबल ईछई चिहाचि हाँ।
दाडई मडऊं महाहाथि छई। कपालु कपालियंतु यंत्रि।
मंत्र्रु मंत्रि कामंतु कामई नामतुं नामई ऐं क्लीं शिरु
धूण्य-धूण्य कटि कंपय कटि-कंपय नाभि चालय।
चालय, दोषतणा आठ ई। महादेबी तणो बाणो हणि-हणि,
खिलि-खिलि मारि-मारि भांजि भांति बायु।
प्रचंहु बीरु कोकिल उभईर बुज: ज: ज: ह: ह: ।
साधकों उपरोक्त कोकील बीर मंत्र को होली-दिपाबली, सूर्यग्रहण या काली चौदस की रात्रि में आरम्भ करके सात दिन तक जपे । जप के समय धूप-दीपक, लाल पुष्प चडाबे तथा प्रतिदिन रात्रि के समय पांच माला जपे तो मंत्र सिद्ध हो जाता है । फिर साधक मंत्र में बर्णित कार्यो मे लाभ प्राप्त कर सकता है । यह बीर चमत्कारी माना जाता हैं । इसका नाम गांबों और कस्बों में ऊजोणी बीर के नाम से भी है । इसकी पूजा बाममार्ग से होती है अर्थात् मांस-मदिरा आदि कुछ साधक चडाते हैं । लेकिन इस साधना में ऐसा कुछ भी चडाने का बिधान नहीं है क्योंकि यहाँ पर केबल रख्या हेतु प्रयोग दिया गया है । इसकी सिद्धि करने के उपरांत साधक की रख्या होती है और 21 बार जपने से बाधाओं का निबारण होता है । कोई छोटी-मोटी समस्या हो तो सात बार जपना चाहिये ।
 
इससे परेशानी का निबारण होता है । जप ब साधना (Kokil Beer Mantra Sadhana) करते समय रख्या घेरा निकाल लें। यह साधना एकान्त में करें ।

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जय माँ कामाख्या

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