नाभि दर्शना अप्सरा साधना क्या है?

Naabhi Darshana Apsara Sadhna Kya Hai ?

सौंदर्य की साक्षात प्रतिमूर्ति नाभि दर्शना अप्सारा की साधना (Naabhi Darshana Apsara Sadhna) से मनोवंछित फल की प्राप्ति होती है । ऐसी अप्सरा की काली और गहरी आंखें होती है और उसके लहराते हुए बाल झरने की तरह होते हैं और चंद्रमा की तरह मुस्कुरात हुआ उसका चेहरा मनमोहक होता है । कमल नाल की तरह लंबी वाहें और नाभी के साथ सौंदर्य से दमकता पूरा शरीर वाली यौवना की साधना से व्यक्ति निरोगी काया की मनोकामना पूर्ण कर सकता है। इसकी साधना रात के दस बजे के बाद की जाती है ।
घर के किसी एकांत स्थान पर आसन लगाने से पहले स्नान कर साफ और आकर्षक वस्त्र पहनें। वस्त्र पर इत्र छिड़कें । उसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह कर बैठ जाएं । साथ में दो सुगंधित फूलों की माला रखें । अपने सामने लकड़ी के तख्ते या छोटी मेज पर पीला कपड़ा बिछाएं । उसपर अपने गुरु की तस्वीर या अराध्य देव भगवान विष्णु रखें। उसपर रखे एक तांबे के पात्र में नाभि दर्शना महायंत्र को स्थापित करें ।
उसपर केसर से तिलक करें और सुगंधित फूल, इत्र, कुंकुम इत्यादि से पूजन करें। यंत्र के सामने धूप और तीब्र सुगंध का अगरबत्ती जलाएं । पूजन की विधि संपन्न होने पर हाथ में जल लेकर संकल्प करें और अपनी मनोकामना पूर्ति की इच्छा व्यक्त करें ।
नीचे दिए गए नाभि दर्शना अप्सरा माला के साथ मंत्र का 21 माला जाप करें ।
Naabhi Darshana Apsara Sadhna Mantra :
मंत्र – “ऊँ ऐं श्रीं नाभिदर्शना अप्सरा प्रत्यक्षं श्रीं ऐं फट्!!”
ध्यान रहे इस का जाप नाभि से निकलने वाले उच्चारण के अभ्यास के साथ काफी एकाग्रता से संपन्न करें । जाप पूरा होने के बाद सुगंधित फूलों की एक माला को यंत्र के ऊपर चढ़ा दें और दूसरी को अपने गले में डाल लें । इस जाप के पूर्ण होते ही अप्सरा को काफी निकट से दर्शन होने का आभास होगा ।
ऐसा होने पर उससे अपने मन की बात तुरंत कह दें । साथ ही वचन लें कि जब कभी मंत्र का 108 बार जाप किया जाए त तुरंत उसकी मदद के लिए आगे आए । नाभि दर्शना अप्सरा साधना (Naabhi Darshana Apsara Sadhna) पूर्ण होने पर महायंत्र को सुरक्षित और गोपनीय स्थान पर रख दें ।

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जय माँ कामाख्या

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