ॐ नमो आदेश गुरुजी को आकाश बांधो, पाताल बांधो, बांधो
ताबा ताई। धरती माता तोहे बांधो। दोहाई भैरो बाबा की चारों
दिशा बांधूं आठो कोणों का बन्धन बान्ध्या न बन्धे तो कामरू
कामख्या माई की दुहाई शंकर महादेब की दुहाई जति गोरखनाथ
की आण बाबा अघोरी की आण इतना बंधन बाधन्या जोरी करे
जबरी करे तो गंगा यमुना उल्टी बहे, सूरज चान्दा की आण फिरे
धोबी की नांद, चमार के कुण्ड में पडे शव्द शांचा पिण्ड काचा
सिद्ध बाबा कर्णनाथ का मंत्र जुग जुग सांचा चलो मंत्र।
।।बिधि।।
इस मंत्र को कार्तिक पूर्णिमा के दिन धूप दीप, जल, फल,फूल रखकर 1008 बार जपने से भैरब दादा का मंत्र सिद्ध हो जाता है आबश्यकता के समय 7 बार जपने से रख्या होती हैं ।
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जय माँ कामाख्या