भैरब सिद्धि अघोरी मंत्र :
ॐ नमो काल कपाल महाकाल भैरब फिरे नबखण्ड धरती कामरू
देश की काली बिद्या, चलाबे अघोरी, खोपडी में खाये मसाण में
लोट चेते प्रचण्ड धूणा, लगाबे ध्यान तेरा, मांस मदिरा भोग धरे,
भूत भैरब, काल, भैरब, भैरू अघोर, तेरी शक्ति अपरम्परा तेरी
कोई जाने ना सार, तूही आदि भैरब अनादि भैरब भैरु का चेला
ध्यानी ज्ञानी जब भी तेरा ध्यान लगाबें पाबे निकट सदा तुही रख्या
करे कृपालू हम अघोरी का चेला है मरघट बाला अघोर भैरू मुझ
पर दया करों दो मुझे शक्ति, भक्ति, पूजूं मैं अमाबस्या की रात
देऊं मद की धार, मेरो इछित कारज पूर्ण कराबो न करो न
कराबो तो काली कंकाली खपडबाली की आण, कामरू
कामाख्या माई की। फिरे आगना, सारा अघोरियों की आण अब
भी ना करें तो जाये संत तेरा फिर भी न करें तो गंगा यमुना उल्टी
बहे। चल मसाण बाला काल भेरू करके श्वान की सबारी,
जोगण साथ लिये चलो, मेरो कारज करके आबे तो जानबा
काला भेरू कामरू कामाख्या माई का बेटा, काल नाथजी का
मंत्र कभी न जाबें झूठा, तेरी शक्ति बाबा काल नाथ की शक्ति
श्वद सांचा पिण्ड काचा गुरु का बचन जुग जुग सांचा।।
नोट : यह भैरब सिद्धि मंत्र श्मशान में अघोर बिधि से किया जाता है । पूर्ण रूप से बाम मार्ग भैरब सिद्धि साधना है, नागा साधुओं का यह मंत्र है । ये जंजीरा मंत्र सिद्ध नाथ पंथ या अघोरी महात्मा के है जो स्वयं सिद्ध है । साधना आप किसी सिद्ध गुरू के देखरेख से करे तो साधना मे सफलता प्राप्त होता है ।
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जय माँ कामाख्या