मस्तक के कीडे आदि निकालने का मंत्र

मंत्र :
“ओम क्रौं क्रौं क्रौं जौं जौं जौं
ओम ब्रौं ब्रौं ब्रौं भौं भौं भौं
ओम चामुण्डाये दुर्गाये नम:
ओम डं डं डं डं डं फट् स्वाहा ।”
 
चिरचिटे को बुधबार प्रात: में उखाडकर लायें । इसको तंत्र बिधि से धोकर 108 मंत्रो से अभीमंत्रित करके धूप और गुग्गुल की धुनी दें । इसके बाद इस पौधे को पीसकर उसमें कपूर मिलाकर मस्तक पर लगायें (लेप करें) और पानी में घोलकर नाक के अन्दर तक झोंके । इस मस्तक के कीडे निकालने का क्रिया से मस्तक और नाक के अन्दर के सारे कीडे निकल आते हैं । इस क्रिया से जमा हुआ नजला,बिषाणु, सूख्य्म जीबाणु भी बाहर निकल जाते हैं ।
 
गाय के घी और आक के पतों का रस मिलाकर लेप करने से भूत-प्रेत भी बाहर आ जाता है, परन्तु इसके लिए साधक को मरीज के पुरे शरीर पर मंत्र पाठ करते लेप करना पडता है और धोना भी पडता है; क्योंकि धोने के लिए अंगों का क्रम है ।
To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641/ 9937207157 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या

Leave a Comment