महाकाल भैरव साधना विधि

महाकाल भैरव साधना विधि :(सर्बकामना पूर्ति के लिये एबं समस्त संकट निबारण हेतु)

महाकाल भैरब मंत्र : हूँ हूँ महाकाल प्रसीद ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।

।।महाकाल भैरब साधना बिधि।।

यह मंत्र महाकाल भैरब का उग्र माना जाता है, इस मंत्र को नियम पूर्बक जपें, साधक इससे समस्त कार्य कर सकता है यह मंत्र महाकाल स्तोत्र में आया है इस मंत्र का अनुष्ठान करने से साधक सभी बाधाओं से मुक्त हो जाता है चाहे शत्रु बाधा हो या राजनैतिक, सामाजिक या आर्थिक समस्या । लेकिन इस मंत्र को सिद्धि कर लेने से हरेक समस्या का निबारण हो जाता है । साथ ही समस्त भय का निबारण होता है । जिस ब्यक्ति को अकाल मौत का भय हो तो इस प्रयोग को करें कयोंकि कालों के काल महाकाल का भक्त कभी निराश नहीं होता । यह मंत्र स्वयं महाकाल का स्वरुप है । साधक इस साधना को किसी भैरू मन्दिर में या शिबालय में करे, या फिर अपने निबास स्थान में किसी एकांत में बैठकर रात्रि के समय स्नान करके, काले बस्त्र धारण कर ले, लेकिन पहले शुभ मुहूर्त देखकर साधना आरम्भ करे साधक आसन लगाकर अपने सामने दीपक जलाकर बैठ जाये अपने सामने अपने आराध्य का चित्र अबश्य लगाबे और श्री गणेश मंत्र की एक माला अबश्य जप लें फिर रुद्राख्य की माला से उपरोक्त साधना मंत्र का जप शुरू करे । यह साधना रात्रि 10 बजे बाद शुरू करे और 41 दिन में सबा लाख जप पूर्ण करे अन्तिम दिन मंत्र का दशांश हबन कर लें या किसी पंडित से करबा लें तो साधना का पूर्ण लाभ मिलता है । साधना के उपरान्त साधक कई चमत्कारी लाभ प्राप्त करता है । महाकाल भैरब की कृपा से सदा ही साधक सुरखित रहता है । इस मंत्र की सिद्धि होने के बाद प्राकृति बाधा का भी नाश हो जाता है । साधक साधना के समय सभी नियमों का पालन करे जो आगे दिये गये है । साधना पूर्ण एकाग्रता पूर्बक करे। साधना के समय पबित्रता का ध्यान रखें, ब्रह्मचर्य का पालन करें, क्रोध से बचें, अधिकतर मौन ही रहें ।

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जय माँ कामाख्या

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