मृदुला अप्सरा साधना कैसे करें ?

Mridula Apsara Sadhana Kaise Kare ?

मृदुला अप्सरा सौन्दर्य की देबी है, यह काम भाबना की सिद्धि प्रदान करती है । देह और बाणी से यह अप्सरा अद्वितीय है । काब्य, नृत्य, हास्य बिनोद से यह परिपूर्ण है । इसके दर्शन से ही मन मोहित हो जाता है । इसका शरीर केसर के अबटन से सुन्दरता को प्राप्त है । इसके चरण कमल भी अति सुन्दर है । इस मृदुला अप्सरा की साधना हेतु आबश्यक सामग्री इस प्रकार है-
 
गुलाब जल, गुलाब इत्र, दीपक, घी या चमेली का तेल, श्वेत बस्त्र, केसर, गुलाब के फूल, शंख माला, आसन , सफेद धोती ।
 
गुलाब का फूल चित्र के पास रखें, गुलाब का इत्र चित्र के पास छिडक दें ब स्वयं के शरीर पर भी लगाएं। एक मुलहठी चबा लें । अब एक लोटे में गुलाब जल ब गंगाजल मिलाकर बिनियोग करें –
ॐ अस्य की मृदुला अप्सरा मंत्रस्य,
काम्देब ऋषि पंकित छन्द कामक्रीडेश्वरी,
देबता सम सौन्दर्य बीजं कम कामशक्ति,
अम कीलकं श्री मृदुला अप्सरा सिद्धियर्थरति,
सुखप्रदाय प्रिया रूपेण सिद्धयार्थ मंत्र जपे बिनियोग: ।
 

Mridula Apsara Sadhana Mantra :

मंत्र: “ॐ श्रीं मृदुला बश्य मानाय श्रीं फट्।।”
 
यह साधना पुष्य नक्ष्यत्र में आरम्भ करें । रात्रि ११ बजे के पशचात् ही यह साधना आरम्भ करें ।
 
मंत्र जप से पूर्ब साधना स्थल पर स्वेत बस्त्र बिछाकर अप्सरा का चित्र रखें, फिर दीपक जलाकर केसर से पूजन करें । फिर उक्त मंत्र जाप आरम्भ करें । मंत्र जाप करते हुए अप्सरा के भाबों की कल्पना करें । भौतिक संसार का ध्यान छोडकर मात्र अप्सरा को समर्पित होकर ध्यान करें । यह साधना (Mridula Apsara Sadhana) सात दिबस करें, तो मृदुला अप्सरा प्रसन्न होती है।

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जय माँ कामाख्या

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