अचूक विद्वेषण तंत्र प्रयोग ( जिसका प्रभाव कभी खाली नहीं जाता )
बहुत बार हमारे जीवन में शत्रुओं का दखल ना चाहते हुए भी बढ़ जाता है या पति या पत्नी, या संतान गलत संगत में फँस जाते हैं तब ऐसे में ये विद्वेषण प्रयोग तीव्र प्रभाव दिखाता है. होली की रात्रि /नवरात्रि /ग्रहण काल में यदि इस मन्त्र का ७ माला जप दक्षिण की और मुह करके कर लिया जाये तो ये मन्त्र पूरी तरह से सिद्ध हो जाता है,फिर जब भी आवशयकता हो सूखी हुयी ढाक (पलास,पाकड़) की लकडियाँ ले आये और आक के १०८ ताजे पत्तों पर निम्न लिखित मन्त्र जिसे आपने सिद्ध किया है लिख ले और अमुक और अमुकी की जगह उन व्यक्तियों का नाम लिखे जिनके मध्य झगडा करवाना हो. और आधी रात के समय एकांत में ढाक की लकडियों को जलाकर दक्षिण मुख करके १ बार मन्त्र पढकर एक पत्ता डाल दे मन्त्र में भी नाम का उच्चारण करना है,इसी प्रकार १०८ पत्ते डाल दें,निश्चय ही आपका मनोरथ यदि उचित है तो सिद्ध हो जायेगा.
मन्त्र- ” आक ढाक दोनों बगराई ,अमुका अमुकी ऐसे लरे जस कुकुर-बिलाई. आदेश गुरु सत्य नाम को .”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार : मो. 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या
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