विभीषण कृत शाबर रक्षा कवच साधना कैसे करें ?
“सिल्ली सिददुर वज्र के ताला, सात सौ वीर लूरे अकेला,
धर दे वीर पटक दे वीर ,पछाड़ दे वीर,
अरे अरे विभीषण बल देखु तेरा ,शरीर बांध दे मेरा
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, सत्य नाम आदेश गुरु का !!”
जहां पे मेरा लिखा है उस की जगह उस व्यक्ति का नाम ले ,जिसे ठीक करना है ।
दिन : मंगलवार या शनिवार
समय : रात्रि 9 बजे से या बाद
वस्त्र :लाल या सफेद
आसन :लाल
माला : रुद्राक्ष
दिशा : उत्तर मुख
भोग : बूंदी के लड्डू या कोई भी मिठाई
विभीषण कृत शाबर रक्षा कवच मन्त्र करते समय ब्रह्मचर्य आवश्यक है ,जमीन पर बिस्तर लगाकर सोना है ,शराब मॉस नही खाना है ।
मंत्र को विभीषण , हनुमान ,राम गुरू आदि का पंचोपचार पूजन करके सिद्ध करें । मंत्र का एक माला जाप करें तीन दिन ,येसा करने पर मंत्र सिद्ध हो जायेगा । उसके बाद जरुरत पड़ने पर इस विभीषण कृत शाबर रक्षा कवच मंत्र से गंडा या ताबीज़ बनाकर पीडित व्यक्ति को बांध दे । अचूक मंत्र है जिन्न के साथ साथ हनुमान जैसी प्रचंड शक्ति भी विभीषण की आन पर रुक जाती है ।
ये केवल विभीषण कृत शाबर रक्षा कवच नही है ,आगे भविष्य मे जब आप किसी पीडित का इलाज भी इन मंत्रो से कर सकते है । किसी के घर का दुकान का बन्धन खोल सकते है । भूतप्रेत का इलाज कर सकते है । शरीर के दर्द को बन्द कर सकते है । किसी को सुरक्षा देने के लिये ये बहुत बेहतर काम करते है, आप इने केवल रक्षा के लिये ना समझें इनसे ही पूरी झाडफूक की जाती है । ये मन्त्र उत्तर दिशा की ओर मुह करके रूद्राक्ष की माला से करने है ।
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जय माँ कामाख्या