अमला योग क्या है?

ज्योतिष में जब किन्हीं दो या दो से अधिक ग्रहों का कोई संबंध होता है तो उसे योग कहा जाता है । यह योग शुभ भी हो सकता है और अशुभ भी । जब योग अशुभ होता है तब जीवन में संघर्ष आते हैं, कठिनाईयां आती हैं और जीवन-यापन करना दुष्कर हो जाता है किन्तु जब यह योग शुभ होता है तब जीवन में सफ़लता प्राप्त होती है, यश प्राप्त होता है और जीवन सानन्द व्यतीत होता है ।
अमला योग एक ऐसा ही शुभ राजयोग है । जिस जातक की जन्मपत्रिका में यह योग होता है उसे जीवन में सफ़लता प्राप्त होती है, उसे धन-यश-पद-प्रतिष्ठा सब कुछ प्राप्त होता है व जीवन संघर्षरहित व्यतीत होता है । आइए जानते हैं कि इस योग का निर्माण जन्मपत्रिका में किन ग्रहस्थितियों में होता है ।
अमला योग:-
चन्द्रमा जिस लग्न पर बैठा हो, यदि उससे दसवे स्थान पर कोई शुभ ग्रह बैठा हो तो अमला योग होता है ।
यदि लग्न से दसवे स्थान पर शुभग्रह हो तो अमला योग माना जाता है ।
फल:- जिस जातक की कुण्डली में अमला योग होता है, वह प्रसिद्ध, गुणवान और ख्याति प्राप्त करने वाला होता है।ऐसा व्यक्ति पूर्ण सुखी जीवन बिताता है, एवं सम्पूर्ण सुखों को भोगता है। ऐसा व्यक्ति चरित्रवान एवं सज्जन होता है ।
यदि किसी जातक की कुण्डली में चन्द्रमा की ही भांति लग्न स्थान से दसवे भाव पर शुभग्रह हो तो वहां भी अमला योग होता है ।
दसवे भाव पर जो ग्रह स्थित होता है, उस ग्रह की दशा में जातक को विशेष धन प्राप्त होता है।यदि जातक व्यापारी हो तो उसका व्यापार फैलता है, यदि राजकीय सेवा में हो तो उच्च पद प्राप्त करता है और इस प्रकार धन एवं ख्याति दोनों एक साथ प्राप्त करता है ।
उक्त जानकारी सुचना मात्र है, किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा हम से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए ।

To know more about Tantra & Astrological services, please feel free to Contact Us :

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) 9937207157/ 9438741641 (Call/Whatsapp) 

For expert astrological guidance by Acharya Pradip Kumar, call +91-9438741641. Get accurate horoscope insights, career direction, relationship solutions, and personalized remedies—all in one trusted consultation.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment