बायु रोग निबारण मंत्र

मंत्र : “ऑम नमो अजब कंकोल गडीयो
बाय फिरंग रगत बाय,
चोपियो बाय, अनत सर्बे बाय
नाशय नाशय दह दह पच पच
भख भख हन हन फट् स्वाहा।”

बायु रोग निबारण मंत्र बिधि :

पहले इस मंत्र को साधक द्वारा सिद्ध किया जाता है । इस मंत्र कि बिधि 21000 मंत्र जाप के पश्चात् मिलती है । इस मंत्र की सिद्धि के लिये साधक को प्रात: काल स्नानदि के बाद एकांन्त कमरे में बैठकर एकाग्र भाब से मंत्र जाप करना पडता है । साधक को अपनी सुबिधानुसार ही बायु रोग निबारण मंत्र का जाप करना चाहिए । बैसे इसका प्रत्येक दिन 108 जप का बिधान है । जब मंत्र की निशिचत जप संख्या पूर्ण हो जाये, उसके पश्चात् पांच रंग के रेशम के धागों को लेकर मंत्र पढते हुए 9 गांठ देनी चाहिए । हर एक गांठ पर 21 बार धूप दिखाकर उतनी ही बार मंत्र का जप करना चाहिए । जब नौ गांठों की प्रक्रिया पूर्ण हो जाये, तब गले में बांधना चाहिए । इससे हरेक प्रकार का बायु रोग मिट जाता है ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 /9937207157 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is renowned as one of India's foremost astrologers, combining decades of experience with profound knowledge of traditional Vedic astrology, tantra, mantra, and spiritual sciences. His analytical approach and accurate predictions have earned him a distinguished reputation among clients seeking astrological guidance.

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