भैरब स्तोत्र से कामना सिद्धि

Bhairab Stotra Se Kamna Siddhi :

भैरब स्तोत्र :
“ॐ ह्रीं भैरब भूतनाथश्च भूतात्मभूत भाबन: ।
क्षेत्रदा: क्षेत्र पालश्च क्षत्रद: क्षत्रियो बिराट्।।
श्मशानबासी मांशासी खर्पराशी श्मरान्तक।
रक्त: पानय: सिद्ध: सिद्धि: सिद्ध: सेबित: ।।
ककाल: कालशमन: कला काष्ठातन्तु: कबि।
त्रिनेत्रो बहुनेत्रश्च तथा पिंगल लोचन।
शूलपाणि: खड्ग पाणि: कंकालो धूम्र लोचन।
अमीस भैरबीनाथो भूतयो योगिनीपति: ।।
धनढोलधनहारी च धनबान् प्रतिभाबान्।
नागहारो नागपाशो ब्योमकेश: कपाल-मृत्।।
काल: कपालमाली च कमनीय: कलानिधि: ।
त्रिलोचनो ज्वलत्रे त्रस्मिशिखि च त्रैलोक्य: ।।
त्रिनेत्र तंत्रा डिम्भशांत: शांत जनप्रिय: ।
बटुको बहुबेषश्च खड्बांग बरधारक: ।।
भूताध्यक्ष: पशुपतिक्षीकु: परिचारक: ।
धुतौ दिगम्बर: शुरो हरिण पाण्डुलोचन: ।।
प्रशान्त: शान्तिढ: शुद्ध शंकर प्रिय बान्धब: ।
अष्टमूर्ति निधिश्च ज्ञान: चक्षुस्तपोमय: ।।
अष्टाधार: षडाधार: सर्पयुक्त: शिरबीसख: ।
भूधरो भूधराधीशौ भूपतिभ्ररामज: ।।
कंकालधारी मुण्डी च अन्यघज्ञोपबीतबान्।
जृम्भणो मोहन: स्तम्भी मारण: क्षभणस्तथा।।
शुद्ध: नीलान्जन प्रख्यो ढैव्यहा मुण्ड भूषित: ।
बलिमृग बलिमुण्ड्नायो बालीलबाल पराक्रम: ।।
सर्बापतारण ढुगो ढुष्भूतानि-षेबित: ।
कामी कलानिधिकांत: कामिनी बशकृढ्बशी।।
जगढ् रक्षा करोलनन्तो माया मंत्रोषधीमय: ।
सर्ब सिद्धि प्रढो बैद्दा: प्रभाबिष्णुरितीबहि।। ह्रीं ॐ ।।”

Bhairab Stotra Prayog :

(1) सात मास तक प्रतिदिन रात्रि में भैरब स्तोत्र (Bhairab Stotra) का ३८ बार पाठ अर्थात् ११४० पाठ होने पर बिद्या एबं धन की प्राप्ति होती है।
(2) तीन माह तक रात्रि में भैरब स्तोत्र (Bhairab Stotra) का १ या २ पाठ प्रतिदिन करने पर इष्ट सिद्धि प्राप्त होती है।
(3) ऋण भार से मुक्ति के लिये आपदुद्धारण मंत्र का जप करें, साथ साथ रात में प्रतिदिन भैरब स्तोत्र १२ पाठ दीपक के समक्ष करने से सफलता मिलती है।
(4) रात में चार मास तक रोज भैरब स्तोत्र (Bhairab Stotra) का १० पाठ प्रतिदिन करने से सर्ब सिद्धि की प्राप्ति होती है।
(5) ४९ दिन का एक मंण्ड्ल होता है। ऐसे चार मण्डल तक प्रतिदिन रात्रि में १२ पाठ करने से इष्ट सिद्धि प्राप्त होती है।
(6) ११ माह तक प्रतिदिन ४४ पाठ करने से मंत्र की सिद्धि होती है।
(7) दुस्तर बिपति से मुक्ति पाने के लिए बटुक की उपासना रात्रि में ही करनी चाहिए।ओर पूजा पाठ कि समय साधक को निम्न आठ कर्म रात्रि में करने चाहिए-
१. पूजन ५. स्तोत्र जप
२. दीपदान ६. होम
३. बलिदान ७. तर्पण-मार्जन
४. मूल मंत्र जप ८. ब्राह्मण भोजन

Our Facebook Page Link

हर समस्या का स्थायी और 100% समाधान के लिए संपर्क करे (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Feeling lost or need direction in life? Aghor Tantra - The Best Astrological Service Center in India offers the guidance you need. Their consultations provide clarity, solutions, and a truly life-altering experience.

Sharing Is Caring:

Leave a Comment