मंत्र : “छोटी-मोटी खप्पर।
तूं धरती कितना गुण ?
जिय के बल काट कू जान बिज्ञान
दाहिनी और हनुमान रटे।
बांयी और चील।
चहुं और रख्या करे बीर बानर नील।
नील बानर की भक्ति लखि न जाय।
जेहिकृपा मृतवत्सा दोष न आय।
आदेश कामरु कामाख्या भाई का।
आज्ञा हाडि दासि चण्डी की दुहाई ।।”
Mrityuvatsa Hanuman Mantra Vidhi :
यदि किसी बिबाहिता का गर्भ बार-बार गिर जाता है या मृतबच्चा उत्पन्न होता है, तो गर्भ से पूर्ब ही इस मृतवत्सा हनुमान मंत्र (Mrityuvatsa Hanuman Mantra) से 108 बार उसे अभिमंत्रित करके समस्त उदर नाभि में कुम्हार के चाक की मिट्टी मे नील मिलाकर मंत्र पाठ करते लेप करना चाहिए ।
उपर्युक्त बिधि शास्त्रीय बिधि है । इसमें पृथ्वी की तरंग और प्राणबायु को अभिमंत्रित किया जाता है । मैंने इस पर कुछ बिशिष्ट प्रयोग किये हैं; क्योंकि आज प्रदूषण इतना बढ गया है कि शास्त्रीय बिधियों से बांछित फल नहिं मिलता ।
इसके लिए नील और कुम्हार के चाक की मिट्टी का लेप सम्पूर्ण बदन पर लगाना और रात में नौ बजे के बाद मिट्टी पर नंगे तलबों से आधा घण्टा चलना अत्यन्त लाभकारी होता है ।100 प्रतिश्त सफलता मिलती है ।
परन्तु इस मृतवत्सा हनुमान मंत्र प्रयोग से जादू-टोना या किये-कराये के कारण होने बाला गर्भपात नहीं रोका जा सकता । इसमें प्राकूतिक काकबत्स्या या मृतवत्सा को ही फल मिलता है । प्राणायाम करना या तंत्र बिधि से चांद के बालों को खिंचकर बांधना भी लाभकारी होता है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) +91- 9438741641 {Call / Whatsapp}
जय माँ कामाख्या