नाथ प्रणीत धूमावती साधना क्या है?

Nath Praneet Dhoomavati Sadhana Kya Hai ?

धूमावती साधना (Dhoomavati Sadhana) एक एसी महाविद्या है जिनके बारे मे साहित्य अत्यधिक कम मात्र मे मिलता है । इस महाविद्या के साधक भी बहोत कम मिलते है । मूल रूप से इनकी साधना शत्रु स्तम्भन और नाशन के लिए की जाती है । लेकिन इस महाविद्या से सबंधित कई ऐसे प्रयोग है जिनके बारे मे व्यक्ति कभी सोच भी नहीं सकता । चरपटभंजन नाम धूमावती के उच्चकोटि के साधको के मध्य प्रचलित रहा है, चरपट भंजन को ही चरपटनाथ या चरपटीनाथ कहा गया है । चरपटनाथ ने अपने जीवन काल मे धूमावती सबंधित साधनाओ (Dhoomavati Sadhana) का प्रचुर अभ्यास किया था और मांत्रिक धूमावती को सिद्ध करने वाले गिने चुने व्यक्ति मे इनकी गणना होती है, वे कालजयी रहे है और आज भी वे सदेह है । उनके बारे मे ये प्रचलित है की वह किसी भी तत्व मे अपने आप को बदल सकते है चाहे वह स्थूल हो या सूक्ष्म, जैसे मनुष्य पशु पक्षी पानी अग्नि या कुछ भी । 750-800 साल पहले धूमावती साधना (Dhoomavati Sadhana) के सबंध मे फैली भ्रान्ति को दूर करने के लिए इस महान धूमावती साधक ने कई ग्रंथो की रचना की जिसमे धूमावतीरहस्य, धूमावतीसपर्या, धूमावती पूजा पध्धति जैसे अत्यधिक रोचक ग्रंथ सामिल है । कई गुप्त तांत्रिक मठो मे आज भी यह ग्रन्थ सुरक्षित है । लेकिन यह साधना (Dhoomavati Sadhana) पद्धतिया लुप्त हो गयी और जन सामान्य के मध्य कभी नहीं आई । धूमावती अलक्ष्मी होते हुए भी लक्ष्मी प्राप्ति से लेके वैभव ऐश्वर्य तथा जीवन के पूर्ण भोग प्राप्त करने के लिए भी धूमावती साधना (Dhoomavati Sadhana) के कई विधानों का उन्होंने प्रचार किया था। लेकिन ये साधनाओ को गुप्त रखने की पीछे का मूल चिंतन सायद तब की परिस्थिति हो या कुछ और लेकिन इससे जन सामान्य के मध्य साधको का हमेशा ही नुक्सान रहा है । चरपटभंजन ने जो कई गुप्त पध्धातियो का विकास किया था उनमे से एक साधना एसी भी थि जिसको करने से व्यक्ति अपने सामने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे मे कुछ भी जान लेता है । जैसे की चरित्र कैसा है, इस व्यक्ति की प्रकृति क्या है, इसके दिमाग मे इस वक्त कौनसे विचार चल रहे होंगे ? इस प्रकार की साधना अत्यधिक दुस्कर है क्यों जीवन के रोज ब रोज के कार्य मे ऐसी साधनाओ से कितना और क्या विकास हो सकता है कैसे फायदा हो सकता है ये तो व्यक्ति खुद ही समज सकता है । मानसिक शक्तियो के विकास की अत्यधिक दुर्लभ साधनाओ मे यह साधना अपना एक विशेष स्थान लिए हुए है। चरपटनाथ द्वारा प्रणित धूमावती प्रयोग (Dhoomavati Sadhana Prayog) आप सब के मध्य रख रहा हू ।
यह धूमावती साधना को करने से पूर्व साधक अपने स्थान का चुनाव करे । साधक के साधना स्थल पर और आसान पर साधक की जब तक साधना चले कोई और व्यक्ति न बैठे । यह धूमावती साधना मे साधक को 11 माला मंत्र जाप एक महीने (30 दिन) तक करना है । माला काले हकीक की रहे । वस्त्र काले रहे । समय रात्रि काल मे 11 बजे के बाद का हो । धूमावती का यन्त्र चित्र अपने सामने स्थापित करे । तेल का दीपक धूमावती साधना समय मे जलते रहना चाहिए । यन्त्र चित्र का पूजन कर के विनियोग करे ।
विनियोग: अस्य श्री चरपटभंजन प्रणित धूमावती प्रयोगस्य पूर्ण विनियोग अभीष्ट सिद्धियर्थे करिष्यमे पूर्ण सिद्धियर्थे विनियोग नमः
इसके बाद निम्न मंत्र का 11 माला जाप करे :
“ओम धूमावती करे न काम, तो अन्न हराम, जीवन तारो सुख संवारो, पुरती मम इच्छा, ऋणी दास तमारो ओम छू ।। ”
मंत्र जाप के बाद साधक धूमावती देवी को ही मंत्र जाप समर्पित कर दे ।
ये अत्यधिक दुर्लभ विधान सम्प्पन करने के बाद व्यक्ति यु कहा जाए की अजेय बन जाता है तो भी अतिशियोक्ति नहीं होगी ।

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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (मो.) 9438741641 {Call / Whatsapp}

जय माँ कामाख्या

Acharya Pradip Kumar is the founder of Mystic Shiva Astrology and a practitioner of Vedic astrology with a solution-oriented approach. His work focuses on understanding birth charts as tools for clarity, awareness, and practical decision-making rather than fear-based predictions. Rooted in classical astrological principles and real-life experience, he emphasizes responsible guidance, timing, and conscious remedies aligned with an individual’s life path.

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