मंत्र : “आॐ भैरो भैंसा चढया, शत्रुन, मारणनी पटच, चल चल, हल हल, आॐ आॐ, नारसिंह साथ ल्याॐ,(लाब) मेरी भक्ति गुरु की शक्ति चलो मंत्र ईश्वरो बाचा सत्य नाम आदेश गुरु को।”
Bairi Uchatan Mantra Vidhi :
इस मंत्र को सूर्य ग्रहण या काली चौदस (नरक चौदस) की रात्रि में 10 हजार की संख्या में बिधिबत जपने से सिद्ध हो जाता है । यह साधना श्मशान भूमि पर की जाती हैं । श्मशान में भैरब की पूजा भेंट करके साधना करें ।
Tutiya Veer Bairi Uchatan Mantra (Tutiya Beer Ki)
मंत्र : “ॐ नमो टुटीया बीर कंहाँ चले गुरु पठाय तंहाँ
चलें, दुशमन की टोटी लगाने चलें। टोटी लगाएं रोग में दर्द दें।
इतना करके न आय तो (……) न कहाय, अपनी मां का
दूध पीया हराम करे तेरी बहिन के साथ धर्म भष्ट करे, शव्द
सांचा पिण्ड काचा, बाचा जो चूके तो चमार के कुण्ड जाये। “( मंत्र का दुरुपयोग न होय, इसिलिये कुछ शव्द छुपया गया है)
Tutiya Veer Bairi Uchatan Mantra Vidhi :
इस मंत्र से रबिबार या शनिबार के मध्य रात्र मे श्मशान में धूप दीप जलाकर बीर की पूजा करले एबं चमेली के पुष्पों को हवन करके , इस मंत्र को 1008 बार जप कर सिद्धि प्राप्त करें । इसके बाद साधक साब कंकर कंकडी लेकर उक्त मंत्र से अभिमंत्रित करके जिस ब्यक्ति को पेशाब करते समय मार दिये जायेंगे उसका मूत्र चालु रहेगा और जब तक साधक स्वयं उसकी कमर में लात नहीं मारेगा तब तक पेशाब बन्द नहीं होगा । इस बैरी उचाटन प्रयोग से साध्य ब्यक्ति की हालत खराब हो जाती है । इस प्रयोग को न करे अन्यथा साधक पर संकट आ सकता है ।
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जय माँ कामाख्या