यंहा आप सब के लिए कुछ छोटा मोटा प्रयोग लाया हूँ , जिसको आप अपने निजी जीबन पर प्रयोग करके आप भय से दूर हो सकते हो। साधारणत: हम घुमने फिरने , या पिकनिक स्पॉट एसा कुछ स्थान को पसन्द करते हैं वो भी कभी कभी खतरनाक होते हैं । तो वो सब स्थान हमारे लिए निरापद नही होते हैं , फिर भी हम घुमने फिरने केलिए निकल पड़ ते हैं । ऐसी परिस्तिती में कुछ छोटे मोटे टोना टोटका अपना कर अपना शरीर और परिबार सदस्य की सुरक्षा करबा सकते हो। तो चलिए वो भय निबारक अचूक मंत्र (Bhay Nivarak Achook Mantra) प्रयोग क्या होता है देखते हैं …
Bhay Nivarak Achook Mantra Prayog
(क) सोनेके समय मुनिश्रेष्ठ आस्तिकका नाम तीन बार लेनेसे सोते हुए को फिर सर्प का भय नहीं रहता ।
(ख) इतबार के दिन पुष्यनक्षत्र मे गिलोय के फल तोड कर उसकी माला गले मे पहने से सर्प भय नही रहेगा ।
(ग) सुभ नक्षत्र मे मरोर फ्ली की जड उखाडकर जो पुरुष दाहिने हाथ मे धारण करे उस्को व्याघ्र भय नहि होगा ।
(घ) नीचे लिखा हुआ मंत्र पढ्कर सात रती जल अग्नि मे डालदे तो अग्नि भय न रहेगा ।
मंत्र : “उत्तरस्या च दिगभागे मारीचो नाम राख्यस: तस्य मुत्रपुरीषाभ्या हुतो बन्हि स्तंभन स्वाहा “
(ङ) इतबार के दिन सफेद कनेर की जड उखाडकर दाये हाथमे धारण करने से अग्निभय निबारण हो जाता है ।
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार :+91- 9438741641 (call/ whatsapp)