भगवान दत्तात्रेय एक अवतारी हैं, इसलिए उपासना या उनके मंत्रों की साधना तांत्रिक कामना पूर्ति के लिए की जाती है । इसे मोहन प्रयोग आर्थात वशीकरण या सम्मोहन के लिए किया जा सकता है, जो काफी सरल और सहज अचूक है । इससे संबंधित दत्तात्रेय वशीकरण प्रयोग (Dattatreya vashikaran Prayog) उपाय इस तरह बताए गए हैं –
तुलसी-बीजचूर्ण तू सहदेव्य रसेन सह,
रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत।
अर्थातः तुलसी के बीज को सहदेवी के रस के साथ पीसकर मिश्रण बनाएं । उसे तिलक कें रूप में ललाट पर लगाएं और वश में किए जाने व्यक्ति के सामने जाएं। ऐसा करने पर वह सम्मोहित हो जाता है । यह दत्तात्रेय वशीकरण प्रयोग (Dattatreya Vashikaran Prayog) कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारी, जीवनसाथी या प्रिय को वश में करने के लिए किया जा सकता है ।
हरितालं चाश्वगंधा पेषयेत् कदलीरसे,
गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमाहनम्।
अर्थातः हरताल के साथ असगंध को केले के रस में पीसकर उसमें गोरोचन मिलाकर बनाए गए मिश्रण का तिलक भी सम्मोहन के लिए उपयोग में लाया जा सकता है । इससे समूहिक तौर पर सभी में भाषण या देते समय सम्मोहन के लिए प्रयोग किया जा सकता है । इस तिलक के प्रभाव से अपनी बात को स्पष्टता और आत्मविश्वास के साथ रखने में मदद मिलती है । इसके साथ ही सिंदूर, केशर और गारोचन के मिश्रण में आंवले के रस के साथ मिलाकर तिलक लगाने से सामने वाले को सम्मोहित किया जा सकता है ।
अनामिकाया रक्तेन लिखेन्मंत्र च भूर्जके,
यस्य नाम लिखन्मध्ये मधुमध्ये च निक्षिपेत्।
तेन स्यादाकर्षणं च सिद्धयोग उदाहृतः, यस्मै कस्मै न दातव्यं नान्यथा मम भषितम्।
अर्थातः यदि अनामिका के रक्त से भोजपत्र पर मंत्र लिखा जाए ओर शहद में वश में किए जाने वाले व्यक्ति के नाम को लिखकर डूबो दिया जाए, और दत्तात्रेय वशीकरण प्रयोग (Dattatreya Vashikaran Prayog) मंत्र का 108 बार जाप किया जाए तब वह वशीभूत हो जाता है ।
Dattatreya Shabar Mantra :
मनोकामना सिद्धी के लिए शबर मंत्रों के उपायोग का खास महत्व है । दत्तात्रेय शाबर मंत्र इन्हीं में से एक है, जो ब्रह्मा, विष्णु समेत दत्तात्रेय का समर्पित है । इसे प्रतिदिन 108 बार जाप करने से मनोवांछित सिद्धि मिलती है तथा आत्मविश्वास में प्रबलता आती है । कार्य करने की क्षमता बढ़ती है इसे अति गोपनीय मंत्र माना गया है, लेकिन इसका कोई भी जाप कर सकता है। वह मंत्र हैः-
मंत्र : “ऊँ नमो परमब्रह्म परमात्मने नमः उत्पत्तिस्थिति प्रलयंकराये, ब्रह्म हरिहराये त्रिगुणात्मने सर्व कौतुकानी दर्शया दर्शय दत्तात्रेय नमः! मनोकामना सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा!!”
Dattatreya Suraksha Kawach :
किसी भी तरह का भय, दुर्घटना की आशंका या असुरक्षा की अज्ञात भावना को दत्तात्रेय कवच के जरिए दूर किया जा सकता है । यह एक तरह की तांत्रिक दत्तात्रेय वशीकरण प्रयोग साधना (Dattatreya Vashikaran Prayog Sadhna) है, जिसके विधिवत अनुष्ठान करने से एक अद्भुत शक्ति प्राप्त होती है । जाप किया जाने वाला मंत्र हैः-“ऊँ द्रां द्रां वज्र कवचाये हुं।।”
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जय माँ कामाख्या