जिन के बैबाहिक जीबन अशांत हो चुका है , हमेशा दुःख झेल रहे हैं , उनके लिए यह कारगार उपाय (Easy Remedies For Marital Happiness) आपके सामने रखा हूँ । उपाय करने से पहले आप, माताएँ बहने रोज स्नान करने के बाद पार्वती माता का स्मरण करते- करते उत्तर दिशा की ओर मुख करके तिलक करें और पार्वती माता को इस मंत्र से वंदन करें – “ॐ ह्रीं गौर्यै नमः”। इससे बहनों के सौभाग्य की खूब रक्षा होगी तथा घर में सुख शान्ति और समृद्धि बढ़ेगी । घर के ईशान कोण में तुलसी रखना शुभ होता है । द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा और रविवार को तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए । बाकी के दिनों में तोड़ें तो || “ॐ सुप्रभायै नमः, ॐ सुभद्रायै नमः”|| बोलते हुए तोड़ें, इससे तुलसीपत्र दैवी औषधि का काम करेगा । तुलसी के पौधे को जल देते समय यह मंत्र बोलें-
मंत्र : | महाप्रसादजननी सर्वसौभाग्यवर्द्धिनी। आधिव्याधिहरा नित्यं तुलसी त्वं नमोऽस्तु ते ।।
यदि पति से झगड़ा होता है तो शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को पत्नी अशोक वृक्ष की जड़ में घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती जलाए, नैवेद्य चढ़ाए । पेड़ को जल अर्पित करते समय उससे अपनी कामना करनी चाहिए । फिर वृक्ष से सात पत्तो तोड़कर घर लाएं, श्रध्दा से उनकी पूजा करें व घर के मंदिर में रख दे । अगले सोमवार फिर से यह उपासना करे तथा सूखे पत्तां को बहते जल में प्रवाहित कर दें । यह उपाय (Easy Remedies For Marital Happiness) से बैबाहिक जीबन मे चलता हुआ समस्या का समाधान हो जायेगा ।
Easy Remedies For Hapiness and Prosperity :
घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तरपश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें । फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें । ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा ।
प्रत्येक मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लें । उनको गंगाजल से अच्छी तरह धोकर लाल चन्दन से हर पत्ते पर 7 बार राम लिखें । इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं तथा वहां प्रसाद बाटें और इस मंत्र का जाप जितना कर सकते हो करें । “जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई” 7 मंगलवार लगातार जप करें । यह प्रयोग गोपनीय रखें । अवश्य लाभ होगा ।
Easy Tantra Remedies For Conflict Restlessness :
एक सफेद कागज एक ओर काले काजल से रंग दीजिये, सफेद तरफ लिखिये– “ऊँ नीला जल समाभाषम रवि पुत्रः यमाग्रजम छाया मार्तण्ड जय भूतम्तम नमामि शनिश्चरम” । पीपल के वृक्ष के नीचे सूर्यास्त के १५ मिनिट बाद पश्चिम दिशा की ओर मुँह करके दीपक सरसों के तेल की ७ बूँदे डालकर जला दें । कागज को जमीन पर बिछाकर (मंत्र वाली तरफ से ऊपर रखना है) । “धनम देहि” ७ बार ७ दाने उङद के उस कागज पर डालने हैं । कागज के ७ टुकड़े करके सातों पर अलग अलग नंबर लिख लें १,२,३,४,५,६,७, उनमें से ३ कागज की गोली उठा लीजिये, यह अंक शुभ होंगे । यह आसान उपाय लगातार ७ शनिवार करना है ।
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