सूर्य मंत्र :
“ओम नम: सूर्यदेबा, नम: इंद्रदेबा ।
नम: नम: हे महादेबा ।
हे महादेबा काली के जनकदेबा।
दूर करो ब्याधि मोरी हे मोरे बिश्बदेबा।
ओम नम: क्रीं क्रीं क्रीं फट् स्वाहा।”
अण्ड्कोषों के बढने से पुरूषों को रति में कठिनाई होती है और यौनशक्ति का ह्रास होता है । इसमें दो तरह की बृद्धि होती है । एक जल भर जाना, दूसरें मांस बढ जाना । पहले के लिये श्ल्यक्रिया आसन है, परन्तु दूसरे में शल्यक्रिया कठिन । इसे सरल तरीके से तंत्र बिधि द्वारा दूर किया जा सक्ता है ।
Hydrocele Treatment Mantra Vidhi :
उपर्युक्त फोते का मंत्र को ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय काल में 21 बार पढकर एरड के पते में, एरड के बीज, नदी या तालाब की काली मिट्टी, बैंगन के बीज, पीपर, सौंठ- इन सबको पीसकर लेप लगाकर गरम करें और गरम- गरम बांधें । 21 दिन में कोष सामान्य हो जायेंगे ।
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जय माँ कामाख्या