आजके समय में बहत सारे लोग IAS IPS Banne ke Jyotishiya Yog ke baare mein जानने केलिए इछुक है , क्या उनके कुंडली में इस प्रकार राजयोग बिद्यमान है…” IAS IPS प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए अपनी प्रतिभा व परिश्रम का विशेष महत्व होता है, लेकिन लाख प्रयत्न करने के बावजूद व्यक्ति ऊंचाइयों पर नहीं पहुंच पाता और दूसरी तरफ साधारण प्रयास करने पर अन्य व्यक्ति सहज ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है । आइए जानते हैं क्या कहता है यह ज्योतिषीय योग …
Kundli Mein IAS IPS Banne ke Jyotishiya Yog Kaise Pehchane?
IAS, IPS बनना है तो सबसे पहले जन्म लग्न का प्रबल होना जरूरी है। फिर नवम यानी भाग्य भाव का महत्व है। तीसरा स्थान आता है पराक्रम का यानी तृतीय भाव का। इन सबसे अतिरिक्त पंचम और चतुर्थ भाव का मजबूत होना भी जरूरी है। यह भाव जनता और कुर्सी से संबंध रखते हैं ।
प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए इन सब स्थानों के स्वामियों का विशेष महत्व होता है। आइए जानें कुंडली की वे कौन सी स्थितियां हैं जो IAS IPS बनने में मददगार साबित होती है ।
Surya Se Judey IAS IPS Banne ke Jyotishiya Yog :
* लग्नेश का विशेष बलवान होना आवश्यक है एवं उसके स्वामी की स्थिति कारक भाव में हो ।
* भाग्य का स्थान नवम व उसके स्वामी की स्थिति जन्म कुंडली में बलवान होनी चाहिए ।
* द्वितीय भाव वाणी का भाव भी है । इस भाव का विशेष महत्व होता है क्योंकि उस जातक की वाणी का प्रभाव ही उसे उच्च पद पर पंहुचाता है ।
* पंचम भाव विद्या का भाव है व मनोरंजन का भी कारक है कई कारणों से इनका भी बलवान होना जरूरी है ।
* सबसे अहम दशम भाव यानी राज्य तथा उच्च नौकरी का भाव होता है । इन सबसे प्रबल ग्रहों की युति और दृष्टि ही जातक को उच्च अधिकारी बनाती है ।
* प्रशासनिक सेवा IAS IPS या सरकारी नौकरी के लिए सूर्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती है । सूर्य नवम् और दशम भाव में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है ।
* यदि इन भावों में सूर्य स्वराशि या मित्र राशि में हो, तो IAS IPS सरकारी सेवा में चयन के योग बढ़ जाते है । यदि सूर्य चतुर्थ भाव में होकर दशम को देख रहा हो, तब भी यह योग (Administrative seva ke jyotishiya yog) बनता है । यदि सूर्य छठे, आठवें, दूसरे, व्यय भाव में हो तो सरकारी सेवा में चयन के योग कम माने जाते है । इसके अलावा सूर्य पर राहू-केतु का प्रभाव हो तो सूर्य का बल दूषित माना जाता है ।
* सूर्य के अतिरिक्त कुंडली में पंचमेश, भाग्येश और दशमेश सूर्य का मजबूत होना भी जरूरी होता है । सेना में चयन हेतु मंगल, अध्यापन हेतु गुरु-बुध, मीडिया हेतु शुक्र का मजबूत होना अपेक्षित है । अत: इन ग्रहों को भी मजबूत बनाना चाहिए ।
* उच्च पद मिलने के बाद उसे स्थाई बनाना शनि का काम होता है अत: शनि की स्थिति का विचार करना जरूरी होता है । शनि यदि अस्त हो, छ:, आठ, बारहवें भाव का स्वामी हो, शत्रु क्षेत्री हो तो स्थायित्व नहीं आने देता । ऐसे जातकों की जीविका में परिवर्तन होता रहता है ।
यदि कुंडली में शनि व अन्य ग्रहों की स्थिति ठीक हो तो मगर सूर्य शत्रु क्षेत्री हो तो सूर्य को मजबूत करें ।
1. सूर्योदय से पहले उठे, सूर्य के सामने खड़े होकर या बैठकर एक माला गायत्री मंत्र की जपें ।
2. पिता का आदर करें, सेवा करें, ब्राह्मणों को दान दें ।
3. रविवार का व्रत करें, नमक रहित भोजन करें ।
4. सूर्य यंत्र को अपने पास रखें ।
5. सफेद, नारंगी वस्त्र पहनें। माणिक भी धारण किया जा सकता है ।
Har kundli alag hoti hai, isliye IAS IPS Banne ke Jyotishiya Yog ko sahi samajhne ke liye व्यक्तिगत रूप से detailed analysis jaruri hai.
Read More : Prem Mein Badnaami ke Jyotishiya Kaaran
ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) +91- 9438741641 (call/ whatsapp)