इंद्रजाल वशीकरण विद्या साधना

इंद्रजाल के टोटके, इंद्रजाल साधना, इंद्रजाल तंत्र मंत्र – इन्द्रजाल वशीकरण विद्या (Indrajaal Vashikaran Vidya) के बारे मे यकीनन आप सबने कभी-न-कभी सुना होगा और भला सुना भी क्यूँ न हो, जब इसका इतिहास ही बेहद पुराना है । वैसे इंद्र्जाल को मंत्र, तंत्र, मोहन, वशीकरण व काला जादू से जोड़कर देखा जाता है । तो बता दे की प्राचीन समय से ही लोगों के बीच वशीकरण व काला जादू का चलन बेहद आम रहा है । पहले भी अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग होता आ रहा है । तो आइए जानते है और भी बहुत कुछ इस मायाबी वशीकरण विद्या (Indrajaal Vashikaran Vidya) के बारे मे। मायावी शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्यूकी इंद्र्जाल का मतलब ही अपने आप मे होता है छल, माया, चकमा या फिर भ्रांति के माध्यम से लक्ष्य तक पहुचना ।
तो इंद्र्जाल की जादुई दुनिया मे आपका स्वागत करते हुए हम आपको इससे जुड़े खास बात बताते है । इंद्रजाल वशीकरण विद्या साधना (Indrajaal Vashikaran Vidya Sadhana) करते वक़्त यक्षिणी, अप्सरा और देव (3) तरह की साधनाओं को पूरे विधि-विधान के साथ एकसूत्र में पिरोया जाता है, इसलिए ये उतना आसान नहीं होती, काफी सावधानी की जरूरत पड़ती है । इन सबके अलावा हम आपको बताते है इंद्रजाल वनस्पती के बारे मे । अगर अपने पहले कभी नहीं सुना इसके बारे मे तो ये एक ऐसी वनस्पती है जो समुद्र के अंदर पाई जाती है, जिसमे पत्ते नहीं होते और दिखने मे मकड़ी के जाल की तरह होती है। इसे काफी दुर्लभ और अमूल्य माना गया है क्यूकी ऐसा माना गया है की इस इंद्रजाल वनस्पती को घर मे उत्तर पुर्व या उत्तर दिशा मे पूजाघर मे रखने से घर मे सुख-शांति के अलावा अन्य लाभ भी मिलते है । साथ इसके प्रभाव से घर को आप भूत प्रेत, जादू टोने व बुरी नज़र से भी बचा सकते है ।
अगर आप इंद्रजाल को ताबीज़ मे यत्न से भरकर उसे अपने बच्चे के पहना दे तो ये ताबीज़ हमेशा उसे बुरी नज़र से बचाता है । यही नहीं अगर आप मंगलवार के दिन माँ दुर्गा का ध्यान करते हुए , इस बताई गई इंद्रजाल वनस्पति को पीसकर पाउडर बना ले व इसके बाद उसे किसी शत्रु पर छिड़क दे तो आपके प्रति उसके दिल मे दुश्मनी की भावना बादल जाती है ।
अब हम आपको इंद्रजाल तंत्र-मंत्र के बारे मे बताते है। इंद्रजाल मंत्रों के अनुसार अगर आप किसी पुरुष पर वशीकरण करना चाहते है तो उसके लिए इस मंत्र का 108 बार जप करे….

Indrajaal Vashikaran Mantra :

मंत्र : “ओम नमो माहयक्षिणी पतिं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाह”।
यही नहीं अगर आप अक्सर किसी ने किसी रोग से ग्रस्थ रहते है तो उस रोग को खतम करने के लिए

Indrajaal Rognaashak Mantra :

मंत्र : “ॐ नमो हिरहराय रसायनसिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा” मंत्र का जाप करे।
अब सबसे जरूरी बात ये भी है की जब भी आप इंद्र्जाल मंत्रों का जाप करते है तब कुछ सावधानी रखनी चाहिए, जैसे की यदि आप बहुत जल्दी भावनाओ मे बह जाते है तो इसके इस्तेमाल से दूर रहे, क्यूकी इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है ।
अंत मे ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि जहां एक और इंद्रजाल को जादू का खेल माना गया है, वो कही-न-कही इससे भी ज्यादा है । ना सिर्फ खेल बल्कि ये दिमाग की चतुराई है, जो सामने वाले की आंखों को चकमा दे देती है । लेकिन जब खेल व जादू से आगे बढ़कर इंद्रजाल के वशीकरण विद्या (Indrajaal Vashikaran Vidya) की बात की गई तो आज तक उसके महत्व को नक्कारा नहीं जा सका है । आज भी इसकी ताकत से दुनिया परिचित है व लोग अपनी इक्छओ को पूर्ण करने के लिए इंद्रजाल वशीकरण विद्या साधना (Indrajaal Vashikaran Vidya Sadhana) का प्रयोग करते है ।

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जय माँ कामाख्या

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