“ज्योतिष विज्ञान में किसी जातक की आयु का निर्धारण एक महत्वपूर्ण विषय है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Jyotish Mein Aayu Ganana Kaise Karen।” यह हर जातक केलिए जानना चाहिए । ग्रहों के कुंडली में स्थानानुसार किसी भी जातक की आयु की गणना का आंकलन ज्योतिष विज्ञान में संभव है । यहां सम्बंधित योगों के आधारानुसार आयु का फलादेश प्रस्तुत है :-
Jyotish Mein Aayu Ganana Kaise Karen – शनि की भूमिका :
♦ Jyotish Mein Aayu Ganana Kaise Karen के लिए आठवें घर में शनि मुख्य योग बंनता है। किसी जातक की कुण्डली में यदि आठवें घर में शनि हो तो जातक अधिक उम्र पाता है ।
♦ यदि आयु कारक शनि का आठवें घर के स्वामी से सम्बन्ध हो तो जातक दीर्घायु होता है ।
Jyotish Mein Aayu Ganana Kaise Karen: माता-पिता की आयु
♦किसी जातक की कुण्डली में यदि चन्द्रमा एवं चौथे घर का स्वामी पांचवें, नवें, दसवें, ग्यारहवें इनमें से किन्हीं घरों में स्थित हो तो जातक की माता दीर्घायु होती है । यदि चतुर्थेश का चन्द्रमा से सम्बन्ध हो तो भी माता दीर्घायु होती है ।
♦ किसी जातक की कुण्डली में यदि चौथे घर में चन्द्रमा हो तो माता अल्पायु हो ।
♦ किसी जातक की कुण्डली में यदि चौथे घर का स्वामी एवं चन्द्रमा प्रबल स्थान में बैठे हों किन्तु यदि चन्द्रमा क्षीण हो व उस पर शनि की दृष्टि हो तो माता अल्पायु होती है ।
♦ यदि मूल त्रिकोण अंशों में सूर्य ग्रह सिंह राशि में, मंगल ग्रह मेष राशि में, बुध ग्रह कन्या राशि में, बृहस्पति ग्रह धनु राशि में, शुक्र ग्रह तुला राशि में, शनि ग्रह कुम्भ राशि में व चौथे घर में बैठा हो तो माता दीर्घायु होती है । यदि चौथे घर का मालिक मूल त्रिकोण अंशों में हो तो बहुत उत्तम है ।
♦ किसी जातक की कुण्डली में यदि सातवें घर में शुक्र हो तो पत्नी की आयु कम करता है ।
♦ पिता का कारक सूर्य यदि नवम घर के स्वामी से सम्बन्ध करे तो पिता की दीर्घायु होती है ।
♦ यदि सूर्य एवं नवें घर के स्वामी दोनों नवे घर में बैठें हों तो पिता अल्पायु होता है। किन्तु यदि नवें घर का मालिक ग्यारहवें घर में हो तो पिता दीर्घायु होता है।
♦ जिस जातक की कुण्डली में तीसरे घर में मंगल हो तो उस जातक के भाई अल्पायु होंगे । यदि बृहस्पति तीसरे घर में हो तो भाइयों के लिए कष्ट कारक होता है ।
♦ किसी जातक की कुण्डली में यदि आठवें घर का स्वामी, केतु के साथ लग्न में हो तो जातक कम आयु का होता है ।
♦ कुण्डली में बृहस्पति पंचम घर में पुत्र की आयु में कमी करता है ।
♦ ज्योतिष अनुसार संतति , शरीर एवं पुत्रों का कारक बृहस्पति को बताया गया है। यदि बृहस्पति लग्नेश के साथ हो तो उत्तम आयु होती है ।
♦ किसी जातक की कुण्डली में यदि नवें घर में सूर्य हो तो स्वल्पायु होता है ।
“अब आपने विस्तार से समझ लिया कि Jyotish Mein Aayu Ganana Kaise Karen और किन ग्रहों के योग से दीर्घायु या अल्पायु का आँकलन किया जाता है। यदि आप अपनी कुण्डली की सटीक आयु गणना करवाना चाहते हैं तो ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श करें।”
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ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) +91- 9438741641 (call/ whatsapp)