Kundli Mein Dushcharitra Yog: Kaun Se Grah Banaate Hain Vyakti Ko Ati Kamuk Aur Charitraheen?

यह ब्लॉग पोस्ट में Kundli Mein Dushcharitra Yog के सभी ज्योतिषीय combination को detail में समझागया है ।ज्योतिष में व्यक्ति दुश्चरित्र है या नहीं इसको देखने के कई तरीके हैं । एक षष्ट वर्गों में नवांश कुंडली , इसको पति पत्नी की कुंडली देखने में अत्यधिक महत्ता दी गई है । नवांश कुंडली से आप अपने और अपने जीवनसाथी के बीच अंतरंग संबंधों को देख सकते हैं । ज्योतिष में सप्तम भाव, सप्तम भाव का स्वामी और शुक्र से वैवाहिक जीवन का विचार किया जाता है । इन भावों के अलावा द्वादश भाव कामुक संबंधों के लिए, दूसरा भाव कुटुंब के लिए, चौथा भाव परिवार के लिए भी देखे जाते है और अष्टम भाव देखे जाते हैं । यदि इन भावों का संबंध या इनके स्वामियों का संबंध मंगल, शनि, राहु एवं केतु से हो तो वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होता है ।

Kundli Mein Dushcharitra Yog ke Mukhya Karak Grah :

यदि शुक्र मेष, सिंह, धनु, वृश्चिक में हो या नीच का हो और मंगल राहु केतु या शनि के साथ हो तो यह व्यक्ति में अत्यधिक सेक्स इच्छा दर्शाते है । शुक्र यदि ९वे भाव में उच्च का हो तो सेक्स की ज्यादा इच्छा दर्शाते हैं । कई बार व्यक्ति विवाह की मर्यादा को तोड़कर विवाह के बाद बाहर ही संबंध बनाता है । अष्टम में राहू यदि सप्तमेश से या चतुर्थेश से सम्बन्धित है तो व्यक्ति अति कामुक होता है । पंचम भाव और ग्यारहवे भाव से प्रेम सम्बन्ध पता चलता है और यदि दोनों में किसी स्वामी राहू से सम्बन्धित है वे प्रेम के साथ अवैध सम्बन्ध बनायेगे । प्रेम -अवैध शारीरिक सम्बन्ध तक ही रहेगा । चंद्रमा दर्शाता है कि व्यक्ति की सोच क्या है तो यदि आपकी कुंडली में पंचम भाव पर मंगल, शनि, राहु का प्रभाव है और चंद्रमा भी पीड़ित है तो ऐसी सोच उत्पन्न होती है । यही योग (Kundli Mein Dushcharitra Yog) यदि नवांश में बन जाए तो व्यक्ति निश्चित रूप से कामाचार का शिकार हो जाता है ।

Navansh Kundli Se Kundli Mein Dushcharitra Yog Kaise Dekhen :

1. यदि प्रथम , पंचम और अष्टम के नक्षत्र स्वामी या उप नक्षत्र स्वामी शुक्र, शनि और मंगल हो तो व्यक्ति अति कामुक होता है ।
2. यदि नवांश में शनि शुक्र की राशि में और शुक्र शनि की राशि में हो तो महिला की शारीरिक भूख अधिक होती है ।
3. नवांश कुंडली में शुक्र मंगल की राशि में हो और मंगल शुक्र की राशि में तो व्यक्ति अपने जीवनसाथी के अलावा बाहर शारीरिक संबंध बनाने में नहीं हिचकिचाते है ।
4.शुक्र मंगल आत्मकारक की नवांश राशि से बारहवें भाव में हो तो व्यक्ति चरित्रहीन होता है । यदि सातवे भाव का उप नक्षत्र स्वामी शुक्र हो, अति सेक्स प्लीजर देता है ।
5. केतु आत्मकारक की नवांश राशि से नवम भाव में हो तो वृद्धावस्था तक भी व्यक्ति पर पुरुष या पर स्त्री के बारे में सोचता रहता है । यदि राहू लग्न में हो तो भी यही बात होती है ।
6. शुक्र सभी वर्गों में केवल मंगल या शनि की राशियों में हो तो व्यक्ति दुश्चरित्र होता है ।
7. नवांश कुंडली में चंद्रमा के दोनों ओर शनि और मंगल हो तो पति-पत्नी दोनों ही दुश्चरित्र करते हैं ।
8. जन्म कुंडली का सप्तम का स्वामी नवांश कुंडली में बुद्ध की राशि में बैठा हो और बुध उसे देख ले तो आपका जीवन साथी द्विअर्थी बातें करते हैं और लोगों को रिझाने का काम करते हैं । ऐसे कई दुश्चरित्र योग कुंडली में (dushcharitra yog kundli me) हैं जो व्यक्ति को अति कामुक बनाते हैं ।

ज्योतिषाचार्य प्रदीप कुमार (Mob) +91- 9438741641 (call/ whatsapp)

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