मंगली लोगो को मंगल की वजह से उनके विवाह, काम-धंधे में आ रही रूकावटो को दूर करने के लिए अनुभूत मंगल चंडिका प्रयोग उपाय है ।
Mangal Chandika Prayog Mantra :
मंत्र:- {{ ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके ऐं क्रू फट्स्वाहा ।।}}
मंत्र (2) :- {{ ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्व पुज्ये देवी मंगल चण्डिके हूँ हूँ फट्स्वाहा ।।}} ( देवी भागवत के अन्तर्गत ), दोनों में से कोई भी एक मंगल चंडिका प्रयोग मन्त्र जप सकते है ।
Mangal Chandika Prayog Ki Dhyan :
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं सर्वपूज्ये देवी मङ्गलचण्डिके । ऐं क्रूं फट् स्वाहेत्येवं चाप्येकविन्शाक्षरो मनुः ।
पूज्यः कल्पतरुश्चैव भक्तानां सर्वकामदः । दशलक्षजपेनैव मन्त्रसिद्धिर्भवेन्नृणाम् ।
मन्त्रसिद्धिर्भवेद् यस्य स विष्णुः सर्वकामदः। ध्यानं च श्रूयतां ब्रह्मन् वेदोक्तं सर्व सम्मतम् ।
देवी षोडश वर्षीया शास्वत्सुस्थिर योवनाम । सर्वरूप गुणाढ्यं च कोमलांगी मनोहराम ।
श्र्वेत चम्पक वऱॅणाभाम चन्द्रकोटि सम्प्रभाम । वन्हि शुद्धा शुकाधानांरत्न भूषण भूषिताम ।
बिभ्रतींकवरीभारं मल्लिका माल्यभूषितं । बिम्बोष्ठिं सुदतींशुद्धां शरत पद्मनिभाननाम ।
ईशद हास्य प्रसन्नास्यांसु निलोत्पल लोचनाम । जगदधात्रीं च दात्रीं च सर्वेभ्य सम्पत्प्रदाम ।
संसार सागरे घोरे पोत रूपां वरांभजे । देव्याश्च ध्यानमित्येवं स्तवनं श्रूयतां मुने । प्रयतः संकटग्रस्तो येन तुष्टाव शंकरः ।।”
Mangal Chandika Prayog Stotra :
।। शंकरउवाच ।।
“रक्ष रक्ष जगन मातर देवी मंगल चण्डिके । हारिके विपदांराशे: हर्ष मंगलकारिके । ।
हर्ष मंगल दक्षेचहर्ष मंगल चण्डिके । शुभ मंगल दक्षे च शुभ मंगल चण्डिके ।।
मंगले मंगलार्हे च सर्व मंगल मंगले । सतां मंगलदे देवी सर्वेषां मंग्लालये । ।
पूज्या मंगलवारे च मंगलाभीष्ट दैवते । पूज्य मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम । ।
मंगलाधिष्ठात्रि देवी मंगलानां च मंगले । संसार मंगलाधारे मोक्ष मंगलदायिनी । ।
सारे च मंगलाधारे पारे च सर्व कर्मणाम । प्रति मंगलवारे च पूज्य च मंगलप्रदे । ।
स्त्रोत्रेणानेन शम्भुश्चस्तुत्वा मंगल चंडीकाम । प्रति मंगलवारे च पूजांकृत्वागत:शिव: । ।
देव्याश्च मंगल स्त्रोत्रमयं श्रुणोति समाहित: । तन्मंगलं भवेत्श्चान्न भवेत्तद मंगलं । ।
प्रथमे पूजिता देवी शंभुना सर्वमंगला । द्वितीये पूजिता देवी मंगलेन ग्रहेण च ॥
तृतीये पूजिता भद्रा मंगलेन नृपेण च । चतुर्थे मंगले वारे सुन्दरीभिश्च पूजिता ॥
पञ्चमे मंगलाकाङ्क्षैर्नरैर्मंलचण्डिका ॥
पूजिता प्रतिविश्वेषु विश्वेशै: प्रतिमा सदा । तत: सर्वत्र संपूज्या सा बभूव सुरेश्वरी ॥
देवादिभिश्च मुनिभिर्मनुभिर्मानवैर्मुने । देव्याश्च मंगलस्तोत्रं य: शृणोति समाहित: ॥
तन्मंगलं भवेच्छश्वन्न भवेत्तदमंगलम् । वर्धन्ते तत्पुत्रपौत्रा मंगलं च दिने दिने ॥
“इति श्री ब्रह्मवैवर्ते मङ्गलचण्डिका स्तोत्रं संपूर्णम् ”
Mangal Chandika Prayog Vidhi Vidhan :
मंगलवार को संध्या समय पर स्नान करके पवित्र होकर एक पंचमुखी दीपक जलाकर माँ मंगल चंडिका की पूजा श्रधाभक्ति पूर्वक करे और माँ को एक नारियल और खीर का भोग लगाये । उपरोक्त दोनों में से किसी एक मंगल चंडिका प्रयोग मंत्र (Mangal Chandika Prayog Mantra) का मन ही मन १०८ बार जप करे तथा मंगल चंडिका प्रयोग स्त्रोत्र का ११ बार उच्च स्वर से श्रद्धापूर्वक प्रेम सहित पाठ करे । ऐसा आठ मंगलवार को मंगल चंडिका प्रयोग (Mangal Chandika Prayog) करे । आठवे मंगलवार को किसी भी सुहागिन स्त्री को लालब्लाउज, लालरिब्बन, लालचूड़ी, कुमकुम, लालसिंदूर, पान-सुपारी, हल्दी, स्वादिष्टफल, फूल, दक्षिणा आदि देकर संतुष्ट करे । अगर कुंवारी कन्या या पुरुष इस मंगल चंडिका प्रयोग (Mangal Chandika Prayog) को कर रहे है तो वो अंजुली भर कर चने भी सुहागिन स्त्री को दे, ऐसा करने से उनका मंगल दोष शांत हो जायेगा । इस प्रयोग (Mangal Chandika Prayog) में व्रत रहने की आवश्यकता नहीं है अगर आप शाम को न कर सके तो सुबह कर सकते है । यह अनुभूत प्रयोग है और आठ सप्ताह में ही चमत्कारिक रूप से शादी-विवाह की समस्या, धन की समस्या, व्यापार की समस्या, गृह-कलेश, विद्या प्राप्ति आदि में चमत्कारिक रूप से लाभ होता है ।
2. जिस कन्या का विवाह न हो पा रहा हों, वह भगवती पार्वती के चित्र या मूर्ति के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर प्रतिदिन निम्न मंत्र का 11 माला जाप 10 दिनों तक करें और सावन के मास में तो बहुत ही लाभदायक सिद्ध होता है!
मंत्र:- {{ हे गौरि शंकरार्द्धागि यथा शंकर प्रिया। तथा मां कुरू कल्याणि कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।}}
3. जिन लडकों का विवाह नहीं होता है, उन्हें निम्न लिखित मंत्र का नित्य11 माला जप करना चाहिए-
मंत्र:- {{ ॐ क्लीं पत्नी मनोरमा देहि मनोवृत्तानु सारिणीम। तारणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भावाम ।।}}
4. किसी भी शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर राम-सीता के संयुक्त चित्र का षोडशोपचार पूजन कर अग्र लिखित चौपाई का 108 जाप करे । यह उपाय 40 दिन किया जाता है । कन्या को उसके अस्वस्थ दिनों की छूट है । जब तक वह पुन: शुद्ध न हो जाए, तब तक यह प्रयोग न करें । अशुद्ध तथा शुद्ध होने के बाद के दिनों को मिलाकर ही दिनों की गिनती करनी चाहिए । कुल 40 दिनों में कहीं न कहीं रिश्ता अवश्य हो जाएगा । चौपाई इस प्रकार है-
• {{ सुनु सिय सत्य असीस हमारी। पुरहि मन कामना तुम्हारी।। }]
और
• {{तब जनक पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह साज सँवारी के |
मांडवी श्रुतकीर्ति उर्मिला कुँअरी लई हँकारी के ।।}] (दोनों में से कोई भी चौपाई जप सकते है ! )
5. जो कन्या पार्वती देवी की पूजा कर के उनके सामने प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र का एक माला जप करती है, उसका विवाह शीघ्र हो जाता है!
मंत्र:- {{ कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्द गोपसुतं देवं पतिं मे कुरूते नम:।।}}
Vivah Mein Deri Ke Jyotishiya Upay :
1. Turmeric remedies for Marriage :
विवाह योग लोगों को शीघ्र विवाह के लिये प्रत्येक गुरुवार को नहाने वाले पानी में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करना चाहिए । भोजन में केसर का सेवन करने से विवाह शीघ्र होने की संभावनाएं बनती है ।
2. Wearing Yellow Clothes For Marriage :
ऎसे व्यक्ति को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस्त्र धारण करके रखना चाहिए ।
3. You Should Respect Elders For a Successful Marriage :
उपाय करने वाले व्यक्ति को कभी भी अपने से बडों व वृ्द्धों का अपमान नहीं करना चाहिए ।
4. Gau Seva For Early Marriage :
जिन व्यक्तियों को शीघ्र विवाह की कामना हों उन्हें गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोडी हल्दी लगाकर खिलाना चाहिए तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है ।
5. Early Marriage Remedies :
इसके अलावा शीघ्र विवाह के लिये एक प्रयोग भी किया जा सकता है । यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को किया जाता है । इस प्रयोग में गुरुवार की शाम को पांच प्रकार की मिठाई, हरी ईलायची का जोडा तथा शुद्ध घी के दीपक के साथ जल अर्पित करना चाहिये । यह प्रयोग लगातार तीन गुरुवार को करना चाहिए ।
6. Quick Marriage Ritual- Worship Of The Banana Tree :
गुरुवार को केले के वृ्क्ष के सामने गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने के साथ शुद्धघी का दीपक जलाना चाहिए तथा जल भी अर्पित करना चाहिए ।
7. Marriage Spells With Coconut :
एक अन्य उपाय के रुप में सोमवार की रात्रि के 12बजे के बाद कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता, इस उपाय के लिये जल भी ग्रहण नहीं किया जाता । इस उपाय को करने के लिये अगले दिन मंगलवार को प्रात: सूर्योदय काल में एक सूखा नारियल लें, सूखे नारियल में चाकू की सहायता से एक इंच लम्बा छेद किया जाता है । अब इस छेद में 300ग्राम बूरा(चीनीपाऊडर) तथा 11 रुपये का पंचमेवा मिलाकर नारियल को भर दिया जाता है । यह कार्य करने के बाद इस नारियल को पीपल के पेड के नीचे गड्डा करके दबा देना । इसके बाद गड्डे को मिट्टी से भर देना है तथा कोई पत्थर भी उसके ऊपर रख देना चाहिए । यह क्रिया लगातार 7 मंगलवार करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है । यह ध्यान रखना है कि सोमवार की रात 12बजे केबाद कुछ भी ग्रहण नहीं करना है ।
8. Mangal Chandika Prayog Puja :
अगर किसी का विवाह कुण्डली के मांगलिक योग के कारण नहीं हो पा रहा है, तो ऎसे व्यक्ति को मंगलवार के दिन “मंगल चंडिका स्तोत्र” का पाठ मंगलवार के दिन तथा शनिवार के दिन सुन्दरकाण्ड का पाठ करना चाहिए । इससे भी विवाह के मार्ग की बाधाओं में कमी होती है ।
9. Quick Marriage Remedy -Sleeping with Dates Under the Pillow
यह उपाय उन व्यक्तियों को करना चाहिए । जिन व्यक्तियों की विवाह की आयु हो चुकी है । परन्तु विवाह संपन्न होने में बाधा आ रही है । इस उपाय को करने के लिये शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबालकर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रखकर सोयें तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में इन्हें प्रवाहित कर दें ।
Things to keep in mind while performing Marriage rituals :
समय पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की इच्छा के कारण माता-पिता व भावी वर-वधू भी चाहते है कि अनुकुल समय पर ही विवाह हो जायें । कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्रयास करने पर भी कहीं बनती नहीं है । इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने हितकारी रहते है । उपाय करने से शीघ्र विवाह के मार्ग बनते है तथा विवाह के मार्ग की बाधाएं दूर होती है । उपाय करते समय ध्यान में रखने योग्य बातें…..
1. किसी भी उपाय को करते समय, व्यक्ति के मन में यही विचार होना चाहिए, कि वह जो भी उपाय कर रहा है, वह ईश्वरीय कृ्पा से अवश्य ही शुभ फल देगा ।
2. सभी उपाय पूर्णत : सात्विक है तथा इनसे किसी के अहित करने का विचार नहीं है।
3. उपाय करते समय उपाय पर होने वाले व्ययों को लेकर चिन्तित नहीं होना चाहिए ।
4. उपाय से संबन्धित गोपनीयता रखना हितकारी होता है ।
5. यह मानकर चलना चाहिए कि श्रद्धा व विश्वास से सभीकामनाएं पूर्ण होती है ।
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जय माँ कामाख्या