साधकों साधना करते समय अपनी सुरख्या का प्रबन्ध कर लें । यह मसाणी मेलडी मंत्र साधना (Masani Meldi Mantra Sadhna) काली चौदस की रात्रि में किसी श्मशान घाट जाकर की जाती है । सर्बप्रथम अपने चारों और सुरख्या घेरा निकाल लें । रख्या मंत्र सात बार जाप करके चाकू से घेरा खींच लें । फिर अपने सामने मुंगफली के तेल का एक दीपक जलाबें एबं धूप में लौबान, बतीसा को जलाबें । निम्न मेलडी मंत्र (Masani Meldi Mantra) का 1008 बार जाप करे और जप समाप्त होने कें बाद एक नारियल और सुखडी तेल की नैबेद्य के रूप मे चडाबें और देशी मंदिरा की धार माता मेलडी को और बीर के नाम पर चडाबें फिर प्रणाम करके सामग्री बही छोड कर चुपचाप घर लौट आये और घर आकर स्नान करके पबित्र हो जायें । इसके बाद पुन: इस साधना (Masani Meldi Mantra Sadhna) को 9 दिन रात्रि के समय 10 बजे उपरान्त किया जाता है । प्रतिदिन साधक पबित्र होकर अपने सामने धूप दीप करके माता मेलडी की पूजा करके सफेद हकीक की माला से 10 माला जाप करे । नैबेद्य में सुखडी, नारियल चडाबें और पांच फूल गुलाब के नित्य ही चडाबें तथा दीपक मुंगफली के तेल से या तिली के तेल से किया जाता है । अन्तिम दिन मेलडी माता को एक थाल एक नारियल, मदिरा चडाबे । फिर साधना सामग्री को बिसर्जन कर लें । इससे सिद्धि प्राप्त हो जायेगी ।
इसके उपरान्त रक्तचन्दन को गुलाब के इत्र मे घिसकर तिलक द्रब्य बनाकर उसे निम्न मंत्र से 21 बार अभिमंत्रित करके तिलक लगाने से शत्रु भी बश में एबं स्तम्भित होते हैं । परंन्तु शत्रुओं को परास्त करने के लिये काले उडदों को 21 बार अभिमंन्त्रित करके शत्रु के घर आगे डालें तो स्तम्भन और शत्रु पख्य परास्त हो जाते है । मंत्र इस प्रकार है :…
Masani Meldi Mantra :
मंत्र : “ॐ नमो आदेश गुरु को ॐ गुरुजी, आई आई मसाणी मेलडी
आई। मेरे बैरी को बांधी लाई। बोले ना बंक ना तन बांधी, मन
बांधी के खडी मुठ्ठी में बंदी बनाके। मैं चढाऊं काली रात को
पूजा भेंट, मांस मदिरा को भोग धरू माई मसाणी को नमस्कार
करूं नमो नमो मेरी कामरू देश की मसाणी मेलडी माई तुझे
नमो नम: ।करो मेरो मन चितियो काज न करो तो इस्माईल
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जय माँ कामाख्या