यह ब्लॉग पोस्ट (Mesh Rashi ke Logon ki Khaas Baatein) में हम मेष राशि के बारे में details में जानकारी देंगे । सूर्य की भिन्न-भिन्न स्थितियों के अनुरूप 12 राशियां निर्धारित की गई है । जन्म, समय और तिथि की मदद से राशि को ज्ञात किया जाता है । अगर किसी को जन्म का समय याद नहीं हो तो भी राशि नाम के प्रथम अक्षर से राशिफल निकाला जा सकता है।
जानिए मेष राशि के बारे में….
मेष राशि के लोगों के नाम का पहला अक्षर – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ
मेष राशि स्वरूप: मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल
1-इस पोस्ट (Mesh Rashi ke Logon ki Khaas Baatein) में हम मेष राशि वालों का चरित्र के बारे में बिस्तृत जानकारी प्रदान करेंगें। राशि चक्र की सबसे पहली राशि मेष है । मेष राशि के जातक का यह सौभाग्य है कि उसका प्रभाव क्षेत्र सीधा सूर्य में है। इस राशि के जातक की सोच पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है। यह राशि चर (चलित) स्वभाव की होती है। राशि का चिह्न मेढ़ा संघर्ष का प्रतीक है । अगर कोई इनकी बात का प्रतिकार करता है तो वे तुरंत उसको अपना विरोध भी प्रकट कर देते हैं । इस राशि काल में जन्मे लोगों को स्वतंत्र व्यवसाय करना चाहिए । दूसरे के साथ मिलकर व्यवसाय करने से इनका भाग्य नहीं चमकता है।
2- मेष राशि अग्नि तत्व वाली राशि है, अग्नि त्रिकोण (मेष, सिंह, धनु) की यह पहली राशि है, इसका स्वामी मंगल अग्नि ग्रह है, राशि और स्वामी का यह संयोग इसकी अग्नि या ऊर्जा को कई गुना बढा देती है । मेष जातक ओजस्वी, दबंग, साहसी, और दॄढ इच्छाशक्ति वाले होते हैं, यह जन्म जात योद्धा होते हैं । मेष राशि वाले व्यक्ति बाधाओं को चीरते हुए अपना मार्ग बनाने की कोशिश करते हैं ।
3- मेष राशि वाले आकर्षक होते हैं । इनका स्वभाव कुछ रुखा हो सकता है । दिखने में सुंदर होते हैं। यह लोग किसी के दबाव में काम करना पसंद नहीं करते। इनका चरित्र साफ-सुथरा एवं आदर्शवादी होता है । मेष राशि लोगों को दुर्घटनाओं की और विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही वाहन, बिजली और विस्फोटक घटनाओं से विशेष सावधान रहना चाहिए ।
4- मेष राशि के जातक बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं । समाज में इनका वर्चस्व होता है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है । ये लोग प्रयास करते हैं कि गुस्सा न करें, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। ये दूसरों पर गुस्सा करके अपना ही नुकसान कर बैठते हैं ।
5- निर्णय लेने में जल्दबाजी करते हैं तथा जिस काम को हाथ में लिया है, उसे पूरा किए बिना पीछे नहीं हटते । इस राशि के काल में जिनका जन्म होता है उनका स्वभाव सूर्य के समान प्रचंड होता है । इनके स्वभाव में कभी-कभी लापरवाही भी आ जाती है । लालच करना इस राशि के लोगों के स्वभाव में नहीं होता । दूसरों की मदद करना इन्हें अच्छा लगता है । इस राशि के जातक की सोच पूर्ण रूप से स्वतंत्र होती है । इस राशि के लोग किसी से प्रेरणा नहीं लेते हैं । न ही किसी की अधीनता मेष राशि के जातक को स्वीकार्य है ।
6- इनकी कल्पना शक्ति की अच्छी रहती है । सोचते बहुत ज्यादा हैं । मेष राशि जातकों के अन्दर धन कमाने की अच्छी योग्यता होती है, उनको छोटे काम पसंद नहीं होते हैं, उनके दिमाग में हमेशा बड़ी-बड़ी योजनाएं ही चक्कर काटा करती है । जैसा खुद का स्वभाव है, वैसी ही अपेक्षा दूसरों से भी करते हैं। इस कारण कई बार धोखा भी खाते हैं । इस राशि के जातक नेतागीरी, संगठन कर्ता, उपदेशक, अच्छा बोलने वाले, कम्पनी को प्रोमोट करने वाले, रक्षा सेवाओं में काम करने वाले, पुलिस अधिकारी, रसायन शास्त्री, शल्य चिकित्सिक, लोहे और इस्पात का काम करने वाले भी होते हैं ।
7- मेष राशि लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है । किसी भी चुनौती को स्वीकार करने की आदत होती है ।अपना अपमान जल्दी नहीं भूलते हैं, मन में दबा के रखते हैं। मौका मिलने पर बदला लेने से नहीं चूकते । खराब ग्रहों का प्रभाव होने के कारण गलत आदतों में चले जाते हैं, और मारकाट या दादागीरी बाली बातें उनके दिमाग में घूमा करतीं हैं, और अपराध के क्षेत्र में भी प्रवेश कर जाते हैं ।
8- अपनी जिद पर अड़े रहना भी मेष राशि का स्वभाव है । इनके भीतर एक कलाकार छिपा होता है । मेष राशि लोग हर काम करने में सक्षम हो सकते हैं । अपनी मर्जी के अनुसार ही दूसरों से काम करवाना चाहते हैं । इस कारण इनके कई दुश्मन खड़े हो जाते हैं ।
9- अधिकतर मेष राशि वाले जातकों का शरीर ठीक ही रहता है, अधिक काम करने के उपरान्त वे शरीर को निढाल बना लेते हैं, मंगल के मालिक होने के कारण उनके खून में बल अधिक होता है, और कम ही बीमार पड़ते हैं, उनके अन्दर रोगों से लड़ने की अच्छी क्षमता होती है । अधिकतर उनको अपनी सिर की चोटों से बच कर रहना चाहिये, मेष से छठा भाव कन्या राशि का है, और जातक में पाचन प्रणाली मे कमजोरी अधिकतर पायी जाती है, मल के पेट में जमा होने के कारण सिरदर्द, जलन, तीव्र रोगों, सिर की बीमारियां, लकवा, मिर्गी, मुहांसे, अनिद्रा, दाद, आधाशीशी, चेचक, और मलेरिया आदि के रोग बहुत जल्दी आक्रमण करते हैं ।
10- एक ही काम को बार-बार करना मेष राशि के लोगों को पसंद नहीं होता। इस राशि के जातक को एक ही जगह ज्यादा दिनों तक रहना भी अच्छा नहीं लगता है। कम बोलना, जिद करना इनका स्वभाव है। कभी-कभी प्रेम संबंध में दुखी भी रहते हैं । यह था मेष राशि बालों के 10 प्रमुख बातें (Mesh Rashi Ke Logon ki Khaas Baatein), जो आपके सामने दिया गया है ।
सलाह :- अपने क्रोध पर काबू रखें। झूठी शान-शौकत से बचें। कोई भी काम करें तो सोच-विचार कर ही करें। एक साथ कई काम नहीं करें ।
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