Which planet create a Putra Putri Yoga?
सूर्य मंगल गुरु पुरुष ग्रह हैं शुक्र ,चन्द्र स्त्री ग्रह हैं बुध और शनि नपुंसक ग्रह हैं संतान योग कारक पुरुष ग्रह होने पर पुत्र तथा स्त्री ग्रह होने पर पुत्री का सुख मिलता है ।
शनि और बुध योग कारक हो कर विषम राशि में हों तो पुत्र व सम राशि में हो तो पुत्री प्रदान करते हैं सप्तमान्शेष पुरुष ग्रह हो तो पुत्र तथा स्त्री ग्रह हो तो कन्या सन्तिति का सुख मिलता है ।
गुरु के अष्टक वर्ग में गुरु से पांचवें स्थान पर पुरुष ग्रह बिंदु दायक हों तो पुत्र, स्त्री ग्रह बिंदु दायक हो तो पुत्री का सुख प्राप्त होता है ।
पुरुष और स्त्री ग्रह दोनों ही योग कारक हों तो पुत्र व पुत्री योग (Putra Putri Yoga) दोनों का ही सुख प्राप्त होता है ।
पंचम भाव तथा पंचमेश पुरुष ग्रह के वर्गों में हो तो पुत्र व स्त्री ग्रह के वर्गों में हो तो कन्या सन्तिति की प्रधानता रहती है ।
पंचमेश के भुक्त नवांशों में जितने पुरुष ग्रह के नवांश हों उतने पुत्र और जितने स्त्री ग्रह के नवांश हों उतनी पुत्रियों का योग होता है ।
जितने नवांशों के स्वामी कुंडली में अस्त नीच शत्रु राशि में पाप युक्त या दृष्ट होंगे उतने पुत्र-पुत्री (Putra Putri Yoga) की हानि होगी ।
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जय माँ कामाख्या