मंत्र : “जै जै गुणबन्ती बीर हनुमान,
रोग मिटे और खिले खिलाब,
कारज पूरण करे पबन सुत,
जो न करे मां अंजनी की दुहाई,
श्वद सांचा पिण्ड काचा,
फुरो मंत्र ईश्वरो बाचा।।”
Rog Mukti Ke Liye Mantra Vidhi :
यदि आपको किसी रोग के बारे में पता करना है या डाक्टर, बैद्य किसी की दबा का इलाज सफल न हो रहा हो ऐसी स्थिति में यह मंत्र प्रयोग किया जा सकता है । इस मंत्र का असर कुछ ही दिनों में ही दिखाई देने लगता है तथा रोग से मुक्ति हो जाती है । कार्तिक मास के किसी भी मंगलबार के दिन तांबे के गिलास में पानि भर लें और उसमें चिरमी (गुंजा) के तीन दानें डालें, गिलास सामने रखकर १०८ बार उच्चारण करें । फिर चिरमी के दाने गिलास से निकाल्कर रोगी के चारों तरफ उतारा कर दक्षिण दिशा में उजाड की जगह में फेंक दें। पानी रोगी को पिला दें, यह आजमाया हुआ मंत्र है जन कल्याण के लिए प्रयोग करें ।
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जय माँ कामाख्या