शनिदेव से जुड़े कुछ अचूक उपाय और मंत्र क्या हैं?

शनिदेव (Shanidev) बीज मंत्र (एकाक्षरी )- ‘ॐ शं शनैश्चराय नम: ।’
तांत्रिक मंत्र- ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: ।
जप संख्या- 23,000 (23 हजार)।
(कलियुग में 4 गुना जाप एवं दशांश हवन का विधान है ।)
दान सामग्री- काला वस्त्र, उड़द, काले तिल, अनेक प्रकार के सुगंधित तेल, लोहा, छाता, चमड़ा, नीलम, काला पुष्प, कंबल ।
(उक्त सामग्री को वस्त्र में बांधकर उसकी पोटली बनाएं तत्पश्चात उसे मंदिर में अर्पण करें अथवा बहते जल में प्रवाहित करें।)
दान का समय- दोपहर ।
हवन हेतु समिधा- शमी ।
औषधि स्नान- सौंफ, खस, सुरमा, काले तिल मिश्रित जल से ।

Effective Shanidev Remedies to Overcome Obstacles  :

* शनिवार को छाया दान करें । (लोहे की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपना मुख देखकर उस तेल को कटोरी सहित दान करें।)
* 7 शनिवार 7 बादाम मंदिर में दान करें ।
* शनिवार को किसी लंगर या सदाव्रत में कोयला दान करें ।
* सवा किलो काले चने, सवा किलो उड़द, 60 ग्राम कालीमिर्च, 250 ग्राम कोयला, चमड़े का टुकड़ा काले वस्त्र में बांधकर शनि से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से उतारकर भूमि में दबा दें या बहते जल में प्रवाहित कर दें ।
* नारियल के गोले में छेद कर उसमें घी, आटा व शकर भरकर किसी पीपल के वृक्ष के समीप या किसी अन्य जगह भूमि में दबा दें, जहां चींटियां हों ।
* शनि यंत्र को लोहे के पत्र पर उत्कीर्ण करवाकर नित्य पूजा कर ।

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