शत्रु को नुकशान पह्चाना- यह एक ऐसा प्रयोग है। जभी जीबन में शत्रु बढ़ जाता है , जीने कोई रास्ता दिखाई नहीं देता है , तभी अघोर पंथ का शत्रु को नुकशान पहचाना प्रयोग कर सकते हो। यह तंत्र बिद्या का षटकर्म प्रयोग में आता है। आगे इसके ऊपर कुछ उपाय लिख रहा हूँ , जिसको उपयोग करके आप शत्रु का नुकशान पहचा सकते हो।
Shatru Kashtdayak Prayog :
(क) हस्त नक्षत्र मे एक अंगुल के नाप की कनेर की लकडी लाकर मसान की राख से नाम युक्त मंत्र (Shatru Ko Nuksan Pahunchane Ke Mantra) लिखकर कुम्हार के घर मे दबा दे तो उसके आबे की कुल हाँडिया फुट जायेगी।
गंधक पीसकर जलके भरे पात्र मे डालदे । ईस जल से सींचने से शाक बाग सब नष्ट हो जाये।
(ख) जन्हा पर मनुष्य पेशाब करे उस स्थान मे बीछु का डंक दबा दे तो बह नामर्द हो जायेगा।
(ग) जब गाय या बैल गोबर करे तब यह गोबर जमीन पर गीरने से पहले ही हाथ मे लेकर इससे उस आदमी की मुर्ति बनाबै जिसको नपुंसक करना हो, फिर इस मुर्ति को क्लीब करे। तब बह आदमी जिसकी मुर्ति बनाई जायगी तत्काल क्लीब हो जायगा ।
Shatru Ko Nuksan Pahunchane Ke Mantra
मंत्र : “ऑम नमो भगबते उड्डामरेश्बराय काम प्रचणडाय हन हन चैनजेर मुखेन ख्यत्रय खण्डाय स्वाहा।”
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जय माँ कामाख्या