मंत्र : “ॐ नमो भगबते रुद्राय मारय मारय नम: स्वाहा।”
Shatru Nashak Mantra Vidhi :
शत्रु नाशक मंत्र प्रयोग (Shatru Nashak Mantra Prayog) किसी पर भी नहीं करना चाहिये इस प्रयोग को करने बाला साधक स्वयं भी नरक का भागी बनता है । कयोंकि जीबन और मरण दोनों पर केबल भगबान् का ही अधिकार है । इसके बारे में साधक स्वयं सोच लें हमारी और से प्रार्थना है कि किसी को परेशान नहीं करें । कल को कोई आपको भी कष्ट पहुंचाये तो क्या बितेगी आप स्वयं बिचार करे यहाँ पर केबल जानकारी हेतु ही में प्रयोग (Shatru Nashak Mantra Prayog) लिखा रहा हुं। किसी का नुकसान पहुचाने के लिये नहीं । यह प्रयोग केबल जनहित ब सामाजिक कल्याण के लिये ही करना चाहिये । इस प्रयोग या मारण, मुठ के सभी प्रयोग किसी निर्दोष या निरअपराध बाले ब्यक्ति पर नहीं करें अगर आगे बाला ब्यक्ति जानकार हो या धर्ममात्मा हो या जनकल्याण करने बाला ब समाज सुधारक होता उस पर कोई भी प्रयोग न करें और नहीं उस पर कोई प्रयोग चलेगा । इससे साधक या प्रयोगकर्ता का ही नाश होगा ।
इस शत्रु नाशक मंत्र का सबा लाख बार जपने से मंत्र सिद्धि हो जाता है । इस मंत्र को सूर्य ग्रहण से आरम्भ करें । जब सिद्ध हो जाये तब साधक चतुर्दशी तिथि को जंगल में जाकर कौए का एक घोसला लाये उसे जलाकर उसकी भस्म को एक अंगुली से शत्रु के मस्तक पर छिडकने से उसकी मृत्यु हो जाती है । इस साधना को करने से पहले किसी योग्य गुरु से दीक्षा शिक्षा प्राप्त कर लें । गले में रक्षा कबच धारण करलें । यह कबच किसी साधक या अपने गुरू से प्राप्त करें । तभी इस शत्रु नाशक मंत्र प्रयोग को करें अन्यथा आपकी जान भी जा सकती है ।
Important :
यह शत्रु नाशक मंत्र साधना को बिना गुरू की निर्देश में ना करे यह श्मशान की साधना है, आपकी जिस ब्यक्ति ने श्मशान सिद्धि की हो बह करे अन्यथा नाश हो जायेगा । इसको करने से साधक का नुकसान हो सकता है । इसका स्वयं साधक जिम्मेदार होगा, प्रयोग सोच समझ कर करें ।
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जय माँ कामाख्या