यह एक सामान्य प्रयोग के जरिए भी बार-बार परेशान करने वाले शत्रु भी परास्त हो जाते है । खासकर सहकर्मियों या सहयोगियों के कारण आने वाली परेशानी से राहत मिल सकती है, तो इसके द्वारा खुद की गई भूलों को भी सुधारा जा सकता है । यह शत्रु से छुटकारा उपाय (Shatru Se Chutkara Pane Ka Upay) मंगलवार या शनिवार को भौरव जी के मंदिर में उनके सामने किया जाता है । भैरव जी के सामने चैमुखा दीपक जलाएं। इससे पहले उसकी चारों बत्तियों को रोली से रंग लें । उसके बाद शत्रु का नाम लेकर दीपक के तेल में एक चुटकी पीली सरसों कुछ दाने डालकर नीचे दिए गए ध्यान के श्लोक का 21 बार पाठ करें । इस प्रक्रिया के पूर्ण होने पर दीपक के तेल में एक चुटकी लाल सिंदूर डालें । मुंह में एक लौंग रखें और एक लौंग हाथ में लेकर शत्रु का स्मरण करते हुए निम्नलिखित मंत्र का 21 बार जाप करें । इस तरह से पांच लौंग के साथ जाप करें। लौंग का ऊपरी हिस्सा तेल में डाल दें और बाकी का भाग जमीन में दबा देें ।
ध्यान करने के श्लोकः
ध्यायेन्नीलाद्रिकांतम शशिश्कलधरम्, मुण्डमालं महेशम्।
दिग्वस्त्रं पिंगकेशं डमरुमथ सृणिं, खडगपाशाभयानि।
नागं घण्टाकपालं करसरसिरु है, र्बिभ्रतं भीमद्रष्टम्।
दिव्यकल्पम त्रिनेत्रं मणिमयमिलसद, किंकिणी नुपुराढ्यम्।
Shatru Se Chutkara Pane Ka Upay Mantra :
मंत्रः {{ ऊँ ह्रीं भैरवाय वं वं वं ह्रां क्ष्रौं नमः! }}
इस साधना को दक्षिण दिशा की ओर मुखकर करना चाहिए तथा इसे शनि मंदिर में भी किया जा सकता है । पूरा शत्रु से छुटकारा अनुष्ठान खत्म होने के बाद दीपक को आधी रात को किसी चैराहे पर रख दें । इस दौरान किसी की नजर नहीं पड़नी चाहिए । यदि इस शत्रु से छुटकारा प्रयोग (Shatru Se Chutkara Pane Ka Upay) से एकबार में शत्रु शांत नहीं हो पाता है तो इसे पांच बार करने से लाभ मिलता है ।
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जय माँ कामाख्या