मन्त्र : “ॐ क्रीं शत्रु उच्चाटय उच्चाटय फट् “
Shatru Stambhan Prayog Bidhan :
साधक को कौए का एक पंख प्राप्त करना चाहिए । फिर साधक शनिवार की रात्री में उस पंख पर सिन्दूर से शत्रु का नाम लिखे तथा उप्पर लिखित मन्त्र का १०८ बार पाठ करे । इसके लिए कोई भी माला की ज़रूरत नहीं है । साधक का मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए, वस्त्र आसन आदि का विधान नहीं है ।
इसके बाद साधक उस पंख को ले जा कर स्मशान में जला दे या स्मशान के किनारे जला दे तथा घर आ कर स्नान कर ले । इस प्रकार करने से साधक के शत्रु का स्तम्भन होता है तथा शत्रु भविष्य में उसे परेशान नहीं करता ।
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जय माँ कामाख्या